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गढ़वाली, कुमाऊंनी भाषा के मूर्धन्य थे नित्यानंद मैठाणी

हिमालयन साहित्य एवं कला परिषद चैरिटेबल ट्रस्ट की ओर से सर्राफ धर्मशाला परिसर में आयोजित भव्य समारोह में चिंतनशील मनीषी स्व. नित्यानंद मैठाणी स्मृति कण ग्रंथ का लोकार्पण किया गया।

By JagranEdited By: Published: Sun, 26 Jun 2022 10:54 PM (IST)Updated: Sun, 26 Jun 2022 10:54 PM (IST)
गढ़वाली, कुमाऊंनी भाषा के मूर्धन्य थे नित्यानंद मैठाणी
गढ़वाली, कुमाऊंनी भाषा के मूर्धन्य थे नित्यानंद मैठाणी

जागरण संवाददाता, श्रीनगर गढ़वाल : हिमालयन साहित्य एवं कला परिषद चैरिटेबल ट्रस्ट की ओर से सर्राफ धर्मशाला परिसर में आयोजित भव्य समारोह में चिंतनशील मनीषी स्व. नित्यानंद मैठाणी स्मृति कण ग्रंथ का लोकार्पण किया गया। वक्ताओं ने कहा कि आकाशवाणी लखनऊ और नजीबाबाद के निदेशक रहे स्व. मैठाणी ने गढ़वाली और कुमाऊंनी भाषा के व्यापक प्रचार प्रसार करने के साथ ही पहाड़ की संस्कृति को संरक्षित और संव‌र्द्धन करने को लेकर भी आजीवन कार्य किया।

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मुख्य अतिथि प्रो. शेखर पाठक ने कहा कि आकाशवाणी लखनऊ के निदेशक रहते हुए नित्यानंद मैठाणी ने पहाड़ की संस्कृति के व्यापक प्रचार प्रसार को लेकर लखनऊ में उत्तरायणी सभा का गठन किया था। बाद में उत्तरायणी नाम से ही आकाशवाणी से रोचक कार्यक्रम भी उन्होंने संचालित करवाए। वाराणसी के प्रधान आयकर आयुक्त देवाशीष चंदा ने कहा कि बतौर साहित्यकार और रचनाकार नित्यानंद मैठाणी ने पहाड़ के समाज के लिए कई विशिष्ट कार्य किए। पद्मश्री डा. माधुरी बड़थ्वाल ने कहा कि स्व. मैठाणी ने आकाशवाणी में स्थानीय प्रतिभाओं को हमेशा प्रोत्साहित किया। कवि और शिक्षिका आरती पुंडीर का सरस्वती गायन, पौड़ी की डा. रितु सिंह की गीत प्रस्तुति को श्रोताओं ने सराहा। इससे पहले इतिहासकार प्रो. शेखर पाठक, वाराणसी के प्रधान आयकर आयुक्त देवाशीष चंदा और साहित्यकार डा. देवेंद्र सिंह, इलाहाबाद की प्रधान आयकर आयुक्त आभा काला, पत्रकार नवीन जोशी, पद्मश्री डा. माधुरी बड़थ्वाल, श्रीनगर नगरपालिका के पूर्व अध्यक्ष कृष्णानंद मैठाणी और साहित्यकार प्रो. उमा मैठाणी ने ग्रंथ का लोकार्पण किया। स्व. नित्यानंद मैठाणी की पत्नी उमा ने राजकीय उच्चतर कन्या विद्यालय सुमाड़ी, राजकीय इंटर कालेज सुमाड़ी और राइंका श्रीनगर के एक-एक मेधावी छात्र को पांच-पांच हजार रुपये की छात्रवृत्ति भी प्रदान की।

इस अवसर पर अरविद नेगी की काष्ठकला वीथिका और देवेंद्र गौड़ की कविता पोस्टर प्रदर्शनी भी आकर्षण का केंद्र बनी रही। इलाहाबाद की प्रधान आयकर आयुक्त आभा काला ने मां और गंगा पर स्वरचित कविता सुनाकर श्रोताओं का मन मोह लिया। इस दौरान उन्होंने कहा कि लखनऊ में पहाड़ की संस्कृति को जीवंत बनाए रखने में नित्यानंद मैठाणी का अहम योगदान रहा है।

प्रसिद्ध कवि और राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित शिक्षक नीरज नैथानी, डा. प्रकाश चमोली, चक्रधर कंडवाल ने समारोह का संयुक्त रूप से संचालन किया। इस मौके पर बुजुर्ग रंगकर्मी विमल बहुगुणा, माधुरी नैथानी, पूनम रतूड़ी, मीनाक्षी चमोली, जयकृष्ण पैन्यूली, शंभू प्रसाद भट्ट आदि मौजूद रहे।


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