एमसीआइ निरीक्षकों के आने से हड़कंप
जागरण संवाददाता, श्रीनगर गढ़वाल: मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआइ) दिल्ली के छह निरीक्ष्
जागरण संवाददाता, श्रीनगर गढ़वाल: मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआइ) दिल्ली के छह निरीक्षकों के गुरुवार को अचानक श्रीनगर मेडिकल कालेज पहुंचने पर हड़कंप मच गया। मेडिकल कालेज में एमडी और एमएस की पीजी कक्षाएं शुरू करने की अनुमति देने के उद्देश्य से यह निरीक्षण हो रहा है। निरीक्षकों के इस दल ने विभागों के साथ ही बेस अस्पताल के ब्लड बैंक का भी निरीक्षण किया। मेडिकल कालेज के प्राचार्य प्रो. चंद्रमोहन ¨सह रावत ने निरीक्षक दल को तमाम जानकारी दी।
श्रीनगर मेडिकल कालेज की ओर से 14 विभागों में एमडी और एमएस की पीजी कक्षाओं के संचालन के लिए एमसीआइ दिल्ली में आवेदन किया गया है। एमसीआइ की एक टीम ने बीती 18 मई को प्रारंभिक निरीक्षण किया था। इस टीम की रिपोर्ट के आधार पर गुरुवार को एमसीआइ ने श्रीनगर मेडिकल कालेज में पीजी कक्षाएं शुरू कराने के लिए अंतिम निरीक्षण कराया। गुरुवार को एमसीआइ निरीक्षकों ने छह विभागों के साथ ही बेस अस्पताल के ब्लड बैंक में भी जाकर निरीक्षण कार्य शुरू किया। निरीक्षक टीम में दरभंगा मेडिकल कालेज बिहार के प्रोफेसर डॉ. चितरंजन रॉय, एमकेसीजी मेडिकल कालेज बहरामपुर उड़ीसा के प्रोफेसर डॉ. आरआर मोहंती, वीजे मेडिकल कालेज पुणे के प्रोफेसर डॉ. संतोष जी वर्मा, बीटी मेडिकल कालेज अहमदाबाद के प्रोफेसर डॉ. एमएम बेगड़, मेडिकल कालेज निजामाबाद तेलंगाना की प्रो. के इंदिरा और बीएस मेडिकल कालेज गो¨वद नगर की प्रोफेसर डॉ. स्वाति पाठक शामिल थे। इस मौके पर चिकित्सा अधीक्षक डॉ. सुरेश जैन और ब्लड बैंक प्रभारी डॉ. सतीश कुमार भी मौजूद थे।
इन छह विभागों के लिए हुआ निरीक्षण
श्रीनगर मेडिकल कालेज में कम्युनिटी मेडिसन, फिजियोलॉजी, बायोकैमिस्ट्री, माइक्रोबायोलॉजी, फार्माकालॉजी और पैथोलॉजी विभाग में पीजी कक्षाएं शुरू होनी है।
पैथोलॉजी व बायोकैमिस्ट्री में उम्मीद
श्रीनगर मेडिकल कालेज में गुरुवार को हुए एमसीआइ निरीक्षण में एमसीआइ निरीक्षकों के अंदाज को देखते हुए मेडिकल कालेज में बायोकैमिस्ट्री और पैथोलॉजी विभाग में पीजी कक्षाएं शुरू करने की अनुमति मिलने की उम्मीद दिख रही है।
बायोकैमिस्ट्री के विभागाध्यक्ष और एसोसिएट प्रोफेसर को निरीक्षक ने अपने निरीक्षण में काउंट कर लिया है। यह दोनों फैकल्टियां परीक्षा लेने के लिए किसी अन्य मेडिकल कालेज में गई हुई हैं। फार्माकोलॉजी विभाग में भी मेडिकल कालेज प्रशासन को कुछ उम्मीद बनती दिखाई दे रही है।