Kotdwar: एक बार फिर ग्रामीणों को नजर आया बाघ, लेकिन वन विभाग बता रहा गुलदार; क्षेत्र में फैली दहशत
Kotdwar कोटद्वार के रिखणीखाल प्रखंड के अंतर्गत ग्राम डल्ला में एक बार फिर ग्रामीणों को बाघ नजर आया है। हालांकि वन विभाग गांव में बाघ होने से इंकार कर रहा है। बीती 13 अप्रैल को ग्राम डल्ला में बाघ ने बुजुर्ग वीरेंद्र सिंह को निवाला बना दिया था।
जागरण संवाददाता, कोटद्वार: Kotdwar: कोटद्वार के रिखणीखाल प्रखंड के अंतर्गत ग्राम डल्ला में एक बार फिर ग्रामीणों को बाघ नजर आया है। गांव में बाघ देखने के बाद एक बार फिर दहशत फैल गई है। हालांकि, वन विभाग गांव में बाघ होने से इंकार कर रहा है।
बताते चलें कि बीती 13 अप्रैल को ग्राम डल्ला में बाघ ने बुजुर्ग वीरेंद्र सिंह को निवाला बना दिया था। इस घटना के दो दिन बाद ही बाघ ने ग्राम डल्ला से करीब 35 किलोमीटर दूर नैनीडांडा प्रखंड के अंतर्गत ग्राम भैड़गांव (सिमली) में एक अन्य बुजुर्ग को निवाला बना दिया। इसके बाद से ही क्षेत्र में बाघ की दहशत फैल गई।
वन महकमे ने पूरे क्षेत्र में सघन गश्त शुरू कर दी। साथ ही बाघ को ट्रेंकुलाइज करने के लिए टीमों का गठन भी कर दिया। प्रयास रंग लाया और 25 अप्रैल की शाम महकमे ने ग्राम जूई में एक बाघ को ट्रेंकुलाइज कर कॉर्बेट टाइगर रिजर्व भेज दिया गया।
पूर्व में हुई घटना के ठीक एक माह बाद ही एक बार फिर ग्राम डल्ला में ग्रामीणों को बाघ नजर आया है। जिससे गांव में दहशत है। हालांकि वन क्षेत्राधिकारी एमएस रावत ने बताया कि पिछले कई दिनों से गांव के आसपास तीन गुलदार नजर आ रहे हैं। उन्होंने गांव के आसपास बाघ की मौजूदगी से इंकार किया है।
सेलाकुई में दिखाई दिया गुलदार, ग्रामीणों में दहशत
देहरादून जिले के सेलाकुई के शंकरपुर मेहमूदनगर में गुलदार के आतंक से राहत मिले अभी चंद दिन ही गुजरे थे कि अब औद्योगिक नगरी सेलाकुई में आबादी के समीप घूमता गुलदार दिखाई दिया। सूचना पर देहरादून वन प्रभाग की झाझरा रेंज के रेंजर जितेंद्र गुसाईं मय टीम के मौके पर पहुंचे और गुलदार को तलाश किया। गुलदार की आबादी क्षेत्र में दस्तक से ग्रामीण घरों की छतों पर एकत्र हो गए।
गुलदार के सेलाकुई में दस्तक के बाद वन टीम ने रात की गश्त तेज कर दी है। सेलाकुई क्षेत्र के नागरिकों को रात में सुनसान रास्तों पर न निकलने की सलाह दी है।गौर हो कि छह मई की देर सायं सहसपुर थाना अंतर्गत शंकरपुर मेहमूदनगर में गुलदार घर के आंगन से चार वर्ष के बच्चे को उठाकर ले गया था। जिसका शव अगले दिन गांव के समीप बाग से मिला था। इस प्रकरण को लेकर राष्ट्रीय राजमार्ग जाम करने पर 150 व्यक्तियों पर मुकदमा भी दर्ज हुआ है।
डीएफओ कालसी अमरेश कुमार, रेंजर चौहड़पुर मुकेश कुमार ने क्षेत्र में तीन पिंजरे लगाए थे। गुलदार एक पिंजरे में कैद हो गया था। पकड़े गए ढाई साल के मादा गुलदार को हरिद्वार के चिड़ियापुर रेस्क्यू सेंटर भेजा जा चुका है। इससे शंकरपुर हुकुमतपुर ग्राम पंचायत के ग्रामीणों ने तो राहत की सांस ली, लेकिन अब सेलाकुई के प्रगति विहार क्षेत्र में शुक्रवार की रात में गुलदार दिखाई दिया। आबादी के समीप गुलदार की दस्तक से लोग दहशत में हैं।
सूचना पर झाझरा रेंजर जितेंद्र गुसाईं मय टीम के सेलाकुई में पहुंचे और पूरी जानकारी लेकर गुलदार की तलाश शुरू की। रेंजर का कहना है कि हो सकता है कि गुलदार झाझरा या मल्हान रेंज से पानी पीने के लिए नदी की तरफ आया होगा। गुलदार की दस्तक को देखते हुए टीम रात में गश्त करेगी। गुलदार के पगचिह्न तलाश किए जाएंगे। जिससे यह पता चल सके कि गुलदार किस रेंज के जंगल से सेलाकुई में आबादी क्षेत्र के नजदीक पहुंचा।
श्रमिकों का लगा रहता है आना जाना
औद्योगिक नगरी सेलाकुई में कंपनियों में ड्यूटी के चलते रात-दिन श्रमिकों का आना-जाना लगा रहता है। कंपनियों से एक शिफ्ट खत्म होती है तो दूसरी शुरू हो जाती है। ऐसे में गुलदार की दस्तक से श्रमिकों में दहशत है। यदि गुलदार की सक्रियता बढ़ी तो तमाम तरह की समस्याएं गहराएंगी। गौर हो कि सेलाकुई व शंकरपुर के बीच मात्र एक नदी है, इसलिए गुलदार की यदि मूवमेंट बढ़ता है तो खतरा सभी के लिए है।
पथ प्रकाश व्यवस्था भी नहीं
औद्योगिक नगरी सेलाकुई में पथ प्रकाश की व्यवस्था भी नहीं है। नगर पंचायत सेलाकुई के अधिशासी अधिकारी ने पथ प्रकाश के लिए कागजी कार्रवाई पूरी कर संबंधित अधिकारी को प्रस्ताव भेज दिए हैं। लेकिन अभी तक पथ प्रकाश व्यवस्था नहीं हो पाई है। मार्ग पर अंधेरा होने पर गुलदार का खतरा बढ़ गया है। अधिशासी अधिकारी भगवंत सिंह बिष्ट के अनुसार सेलाकुई क्षेत्र में जल्द ही पथ प्रकाश की व्यवस्था कराने की कोशिश की जाएगी।