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पर्यटन सीजन में भी पर्यटकों की नजरों से दूर है खिर्सू

गुरुवेंद्र नेगी, पौड़ी : प्रदेश में पर्यटन व चारधाम यात्रा सीजन शुरू होने पर भी पौड़ी जनपद के पर्यटक स

By JagranEdited By: Published: Sun, 22 May 2022 10:39 PM (IST)Updated: Sun, 22 May 2022 10:39 PM (IST)
पर्यटन सीजन में भी पर्यटकों की नजरों से दूर है खिर्सू
पर्यटन सीजन में भी पर्यटकों की नजरों से दूर है खिर्सू

गुरुवेंद्र नेगी, पौड़ी : प्रदेश में पर्यटन व चारधाम यात्रा सीजन शुरू होने पर भी पौड़ी जनपद के पर्यटक स्थल खिर्सू में पर्यटकों की कमी अखर रही है। शासन-प्रशासन के स्तर पर पर्याप्त प्रचार प्रसार किया जाता तो इन दिनों पर्यटक स्थल खिर्सू में भी पर्यटकों की चहलकदमी बढ़ती। लेकिन, प्रचार ना होने से आज भी यह खूबसूरत पर्यटक स्थल देश-विदेश के ज्यादातर पर्यटकों की नजरों से दूर है। ग्रीष्मकाल में वीकेंड पर केवल श्रीनगर गढ़वाल, पौड़ी व कोटद्वार शहर से ही स्थानीय लोग यहां सैरसपाटे के लिए पहुंच रहे हैं। देश के महानगरों से यहां आने वाले पर्यटकों की संख्या काफी कम है। जिससे यहां पीक सीजन में भी रौनक देखने को नहीं मिल रही है। जबकि पर्यटक यहां पहुंचकर प्राकृतिक सुंदरता के साथ ही हिमालय के दिलकश नजारों का भी लुत्फ उठा सकते हैं।

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चारधाम यात्रा के मुख्य पड़ाव श्रीनगर से बुघाणी मार्ग से करीब 29 किमी की दूरी तथा जिला मुख्यालय पौड़ी से करीब 19 किमी की दूरी पर स्थित है पर्यटन स्थल खिर्सू। यह प्रकृति की वादियों में बसा एक गांव है। शहरों की तरह यहां कुछ भी चकाचौंध नहीं है। यहां तक पहुंचने के लिए श्रीनगर व पौड़ी दोनों ही शहरों से छोटे-बड़े दोनों ही प्रकार के वाहनों से पहुंचा जा सकता है। खिर्सू के हर तरफ हरे भरे जंगल होने से तपिश भरी गर्मी के बीच इन दिनों यहां का मौसम खुशनुमा बना हुआ है। चारधाम यात्रा के दौरान पर्यटक, यात्री यहां पहुंचकर खुशनुमा मौसम के बीच प्राकृतिक वादियों का लुत्फ उठाने के अलावा दूर दिखने वाली हिमालय की चोटियों का दीदार कर सकते हैं और शांत माहौल में कुछ दिन बिता सकते हैं। सड़क मार्ग से पहुंच सकते हैं खिर्सू

ऋषिकेश से करीब 135 किमी तथा कोटद्वार से 115 किमी की दूरी तय कर छोटे बड़े दोनों प्रकार के वाहनों से खिर्सू पहुंचा जा सकता है। समुद्रतल से 1700 मीटर की ऊंचाई पर स्थित पर्यटक खिर्सू के सैरसपाटे पर आएं तो कम से कम दो या तीन दिन का प्लान बनाकर आ सकते हैं ताकि यहां के समीपवर्ती धार्मिक व पर्यटन स्थलों का भी दीदार व दर्शन कर सकें। घने जंगल से गुजरता है दो किमी का मार्ग

खिर्सू से चौबट्टा करीब दो किमी का सड़क मार्ग घने जंगल से गुजरता है। जंगल के चलते इस मार्ग पर काफी ठंडक बनी रहती है। पर्यटक इस मार्ग पर मौसम का लुत्फ उठाते हैं। खिर्सू में ही प्रसिद्व घंडियाल देवता का मंदिर भी है। चौबट्टा होते हुए करीब तीन किमी की पैदल दूरी तय कर प्रसिद्व उल्खागड़ी मंदिर पहुंचा सकता है। खिर्सू में पर्यटक सुंदर पार्क का भी दीदार कर सकते हैं। एक दिन खिर्सू में बिताने के बाद पर्यटक वाहन से 19 किमी की दूरी तय कर पौड़ी पहुंच सकते हैं। पौड़ी में बाबा कंडोलिया, क्यूकालेश्वर मंदिर के दर्शन के अलावा कंडोलिया पार्क का भी लुत्फ उठा सकते हैं। इतना ही नहीं खिर्सू से करीब 17 किमी की दूरी वाहन से तय कर बूंखाल के प्रसिद्व मां कालिका मंदिर पहुंचा जा सकता है। रात्रि निवास की है समुचित

खिर्सू में रात्रि ठहरने के लिए गढ़वाल मंडल विकास निगम का गेस्ट हाउस भी है। यहां वन विभाग का अपना वन विश्राम गृह भी है। पहाड़ी शैली में बने बासा होम स्टे में भी पर्यटक ठहर सकते हैं। इसके अलावा यहां कई निजी होटल भी हैं जहां पर्यटक आसानी से बुकिग कर रात्रि को ठहर सकते हैं। चारधाम यात्रा के दौरान पर्यटक, श्रद्धालु खिर्सू के अलावा पौड़ी में भी रात्रि विश्राम कर सकते हैं। खिर्सू में मौसम काफी सुहावना है। यात्री पौड़ी या खिर्सू आएं, उनकी सुविधा के लिए मुख्य मार्गों पर कई स्थानों पर साइन बोर्ड लगवाए गए हैं। खिर्सू में रात्रि निवास के लिए विश्राम गृह के अलावा कई होटल भी हैं।

डा. विजय कुमार जोगदंडे, जिलाधिकारी पौड़ी गढ़वाल


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