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एक हैंडपंप भरोसे सैंकड़ों ग्रामीणों के हलक, भटकना पड़ रहा पानी के लिए

दुगड्डा ब्लॉक के कांडाखाल क्षेत्र की पांच ग्राम सभाओं को आज भी पानी के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है। इन ग्रामसभाओं में रहने वाले करीब ढाई सौ परिवार केवल एक हैंडपंप के भरोसे हैं।

By Edited By: Published: Mon, 22 Apr 2019 07:13 PM (IST)Updated: Tue, 23 Apr 2019 04:54 PM (IST)
एक हैंडपंप भरोसे सैंकड़ों ग्रामीणों के हलक, भटकना पड़ रहा पानी के लिए
एक हैंडपंप भरोसे सैंकड़ों ग्रामीणों के हलक, भटकना पड़ रहा पानी के लिए

कोटद्वार, जेएनएन। भले ही प्रदेश सरकार पहाड़ी क्षेत्रों में मूलभूत सुविधाएं मुहैया करवाने के लाख दावे कर रही हो, लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि दुगड्डा ब्लॉक के कांडाखाल क्षेत्र की पांच ग्राम सभाओं को आज भी पानी के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है। इन ग्रामसभाओं में रहने वाले करीब ढाई सौ परिवार केवल एक हैंडपंप के भरोसे हैं। जल संस्थान की ओर से बनाई गई पेयजल योजना लंबे समय से बंद पड़ी हुई है, लेकिन जल संस्थान उसकी सुध लेने की जहमत नहीं उठा रहा।

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कांडाखाल क्षेत्र के लिए जल संस्थान ने खड़ासू गदेरे से पेयजल योजना बनाई थी। उम्मीद थी कि योजना से आसपास की ग्राम सभाओं को भी जोड़ा जाएगा, लेकिन यह योजना केवल कांडाखाल बाजार तक ही सिमटरकर रह गई। हालात यह है कि ग्राम कांडा, विरमोलीखाल, बड़ेथ, सुंदर गांव आदि आसपास के अन्य गांवों के वाशिंदे पेयजल के लिए भटक रहे हैं। ग्रामीण मदन कंडवाल ने विभाग पर क्षेत्र की अनदेखी का आरोप लगाते हुए कहा कि ग्राम पंचायतों में रहने वाले परिवार पूरी तरह कांडाखाल बाजार में बने एक हैंडपंप पर निर्भर हैं। खड़ासू गदेरे से बनी योजना से एक पानी का स्टैंड पोस्ट कांडाखाल बाजार में स्थापित तो किया गया है, लेकिन इस नल पर बरसात में ही पानी आता है और गर्मी शुरू होते ही नल भी सूख जाता है।

गांव से हो रहा पलायन कांडाखाल क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली ग्रामसभाओं से हो रहे पलायन में एक मुख्य कारण पेयजल समस्या भी है। गर्मी शुरू होते ही क्षेत्र में बने अधिकांश प्राकृतिक स्त्रोत सूखने लगते हैं। जिससे ग्राम सभाओं में रहने वाले परिवारों को पानी के लिए इधर-उधर भटकना पड़ता है। नतीजा पिछले कुछ सालों में अधिकांश परिवार गांव से पलायन कर गए। हैंडपंप से आता है गंदा पानी ग्रामीणों का आरोप है कि गर्मी के मौसम में हैंडपंप से दूषित पेयजल की आपूर्ति होने लगती है, जिससे लोगों को संक्रामक बीमारियों का खतरा बना रहता है। कई बार पानी इतना गंदा होता है कि इसका उपयोग पीने के लिए नहीं कर सकते। इस स्थिति में ग्रामीणों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

बोले अधिकारी

एलसी रमोला (अधिशासी अभियंता, जल संस्थान) का कहना है कि कांडाखाल क्षेत्र के लिए पेयजल योजना बनाई गई है। पेयजल आपूर्ति नहीं होने के काराणों का पता कर इसका निराकरण कर लिया जाएगा।

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