स्थायी पर मेहरबान, अस्थायी पर डंडा
जागरण संवाददाता, कोटद्वार: बड़े-बड़े भवन बना सरकारी भूमि पर कब्जा करने वालों पर मेहरबान कोटद्वार नगर
जागरण संवाददाता, कोटद्वार: बड़े-बड़े भवन बना सरकारी भूमि पर कब्जा करने वालों पर मेहरबान कोटद्वार नगर निगम का डंडा रविवार को एक बार फिर उन रेहड़ी-ठेली वालों पर चला जो सड़क किनारे अपनी ठेली लगा किसी तरह अपनी दो जून का रोटी का प्रबंध कर रहे हैं। नगर निगम प्रशासन ने न सिर्फ इन व्यापारियों के तराजू छीन लिए, बल्कि ठेली में सजी फल-सब्जी को भी सड़कों में बिखेर दिया।
कोटद्वार में प्रशासन स्थायी अतिक्रमणकारियों पर पूरी तरह मेहरबान है। शायद यही कारण है कि चिह्निकरण के दो वर्ष बाद भी प्रशासन ने नजीबाबाद चौक से झंडा चौक के मध्य चिह्नित उस स्थायी अतिक्रमण पर हाथ डालने की जहमत नहीं उठाई, जो आज भी सड़कों पर पसरा हुआ है। बताना जरूरी है कि सूचना अधिकार अधिनियम के तहत मांगी गई जानकारी में राष्ट्रीय राजमार्ग विभाग ने कौड़िया से गिवई स्त्रोत पुल तक 172 अतिक्रमण चिह्नित होने की जानकारी दी थी। हैरानी की बात तो यह है कि नगर निगम की भवन भी अतिक्रमण की जद में है, लेकिन शहर का स्थायी अतिक्रमण छोड़िए, नगर निगम प्रशासन ने तो स्वयं सरकारी भूमि पर हुए अतिक्रमण को नहीं हटाया है। ऐसे में नगर निगम प्रशासन नगर में पसरे स्थाई अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई करेगा, यह सोचना भी बेमानी है।
नहीं की फल-सब्जी लगाने की व्यवस्था
सड़क किनारे फल-सब्जी की फड़ लगाने वाले व्यापारी पिछले लंबे समय से प्रशासन से रेहड़ी-ठेली लगाने को स्थान मुहैया कराने की मांग कर रहे हैं, लेकिन प्रशासन की ओर से आज तक इन व्यापारियों के लिए जगह तय नहीं की गई है। करीब तीन वर्ष पूर्व प्रशासन ने गाड़ीपड़ाव में सब्जी व फल मंडी विकसित करने की तैयारी की थी, लेकिन पूरा मामला राजनैतिक उठापटक की भेंट चढ़ गया।
सब्जी विक्रेताओं ने जताया विरोध
रविवार को नगर निगम की टीम जैसे ही अतिक्रमण हटाने के लिए गोखले मार्ग पर पहुंची, तो सामान उठाने पर सब्जी विक्रेताओं ने टीम का विरोध शुरू कर दिया। उनका आरोप था कि नगर निगम की टीम बड़े अतिक्रमणकारियों पर कार्रवाई नहीं करती, बल्कि सब्जी व ठेली वालों पर कार्रवाई की जाती है। मौके पर पहुंची पुलिस ने मामला शांत कराया।