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वन विभाग के नाक के नीचे हो रहा अवैध निर्माण

चहेतों को फायदा पहुंचाने के लिए नियमों को किस तरह तक पर रख दिया जाता है इसका प्रमाण लैंसडौन वन प्रभाग की कोटद्वार रेंज में देखा जा सकता है। यहां रेंज कार्यालय से करीब पांच सौ मीटर की दूरी पर वन भूमि में अवैध निर्माण कार्य जोरों पर है लेकिन विभाग सुध लेने को तैयार नहीं।

By JagranEdited By: Published: Mon, 23 Nov 2020 05:53 PM (IST)Updated: Mon, 23 Nov 2020 05:53 PM (IST)
वन विभाग के नाक के नीचे 
हो रहा अवैध निर्माण
वन विभाग के नाक के नीचे हो रहा अवैध निर्माण

जागरण संवाददाता, कोटद्वार: चहेतों को फायदा पहुंचाने के लिए नियमों को किस तरह तक पर रख दिया जाता है इसका प्रमाण लैंसडौन वन प्रभाग की कोटद्वार रेंज में देखा जा सकता है। यहां रेंज कार्यालय से करीब पांच सौ मीटर की दूरी पर वन भूमि में अवैध निर्माण कार्य जोरों पर है, लेकिन विभाग सुध लेने को तैयार नहीं। हैरानी की बात तो यह है कि उच्च न्यायालय के आदेशों को ताक में नदी के भीतर निर्माण कार्य करवाया जा रहा है।

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मामला गिवईं गदेरे का है, जहां बीते माह नदी किनारे सुरक्षा दीवार निर्माण के नाम पर सड़क बना दी गई। वर्तमान में गदेरे में वन भूमि पर पुनर्निर्माण कार्य जोरों पर है। बताते चलें कि गढ़वाल मोटर्स आनर्स यूनियन लिमिटेड (जीएमओयू) की ओर से प्रदेश के वन एवं पर्यावरण मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत के समक्ष पर्वतीय बस अड्डा निर्माण के लिए भूमि की मांग की गई, जिसमें डॉ. रावत ने गिवई स्त्रोत पुल के समीप स्थित करीब पांच बीघा वन भूमि को बस अड्डे के लिए प्रस्तावित कर दिया। जिसके बाद जिला प्रशासन ने बस अड्डे/शौचालय/सुरक्षा दीवार निर्माण के लिए जिला खनिज न्यास निधि से पचास लाख की धनराशि स्वीकृत कर दी।

निर्माण से पूर्व वन भूमि हस्तांतरण किया जाना था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ और प्रस्तावित बस अड्डे तक पहुंच के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग से सड़क बना दी गई। निर्माण कार्य की शुरुआत गिवई गदेरे में बाढ़ सुरक्षा दीवार निर्माण से हुई और बाद में इस कार्य को बढ़ाते हुए सड़क का निर्माण कर दिया गया। एक बार पुन: इस मार्ग के समीप गिवई गदेरे में निर्माण कार्य जोरों पर है। चर्चा है कि प्रस्तावित बस अड्डे के लिए शौचालय का निर्माण किया जा रहा है। हैरत की बात यह है कि नदी किनारे कार्य हो रहा है और वन विभाग के अधिकारी आंखों में पट्टी बांधे बैठे हैं। विभागीय अधिकारियों का तर्क है कि सड़क की सुरक्षा को सुरक्षा दीवार बनाई जा रही है। हालांकि, यह निर्माण कार्य किस मद व कितनी लागत से करवाया जा रहा है, इसका विभाग के पास कोई जवाब नहीं। सूत्रों की माने तो राजनीतिक दबाव के बलबूते यह निर्माण कार्य कराया जा रहा है।

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गदेरे में शौचालय निर्माण की बात सामने आई थी, जिस पर निर्माण कार्य रुकवा दिया गया। बाद में ठेकेदार का कहना था कि सुरक्षा दीवार बनाई जा रही है, जिस पर निर्माण की अनुमति दी गई। यदि शौचालय बनाया गया तो उसे तुड़वा दिया जाएगा।

दीपक कुमार, प्रभागीय वनाधिकारी, लैंसडौन वन प्रभाग


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