अब अस्पताल स्टाफ ही देगा आइसीयू को 'संजीवनी'
राजन गर्ग कोटद्वार राजकीय बेस चिकित्सालय में शोपीस बनी आइसीयू यूनिट को अब अस्पताल स्टाफ ही
राजन गर्ग, कोटद्वार
राजकीय बेस चिकित्सालय में शोपीस बनी आइसीयू यूनिट को अब अस्पताल स्टाफ ही संजीवनी देगा। शासन से आइसीयू के संचालन के लिए स्टाफ मिलने की उम्मीद बेहद कम है। अस्पताल के स्टाफ को देहरादून में यूनिट से संबंधित प्रशिक्षण के लिए भेजा है।
राजकीय बेस चिकित्सालय में शहर व भाबर के अलावा दूर-दराज के क्षेत्रों से प्रतिदिन बड़ी संख्या में मरीज उपचार के लिए पहुंचते हैं। मरीजों की सुविधा के लिए राज्यसभा सदस्य अनिल बलूनी ने सांसद निधि से चिकित्सालय में आइसीयू यूनिट स्थापित करा दी थी। मार्च के प्रथम सप्ताह में इस यूनिट का उद्घाटन भी कर दिया था, लेकिन शासन की ओर से स्टाफ नहीं मिलने से यह यूनिट शोपीस बनी हुई है। सूत्रों के अनुसार, अब अस्पताल प्रशासन ने स्वयं आइसीयू को संचालित करने का निर्णय लिया है। इसी के तहत तीन दिन पूर्व अस्पताल से दो चिकित्सक, दो स्टाफ नर्स व दो वार्ड ब्वॉय को प्रशिक्षण के लिए देहरादून के दून मेडिकल कॉलेज भेजा गया है। यह स्टाफ करीब एक सप्ताह तक प्रशिक्षण प्राप्त करेगा। बाद में अस्पताल की ओर से अन्य स्टाफ को भी प्रशिक्षण के लिए भेजा जाएगा। स्टाफ के दक्ष होने पर यूनिट संचालित की जाएगी। यह थी जरूरत
आइसीयू के संचालन के लिए एक एंस्थेटिक, एक फिजिशियन व दो जीडीएमओ (जनरल ड्यूटी मेडिकल ऑफीसर) के साथ 13 स्टाफ नर्स, चार चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी व तीन सफाई कर्मचारियों की आवश्यकता थी। अस्पताल की ओर से इसके लिए शासन को प्रस्ताव भी भेजा गया था। अस्पताल के कुछ स्टाफ को प्रशिक्षण के लिए देहरादून भेजा गया है। अन्य स्टाफ को भी आइसीयू से संबंधित प्रशिक्षण दिलाया जाएगा।
डॉ.आरएस चौहान, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक