उद्यान बनेगी आर्थिकी, सहभागिता जरूरी
जागरण संवाददाता कोटद्वार हिमाचल प्रदेश के काश्तकार द्वारिका प्रसाद उनियाल ने शनिवार को म
जागरण संवाददाता, कोटद्वार
हिमाचल प्रदेश के काश्तकार द्वारिका प्रसाद उनियाल ने शनिवार को मालवीय उद्यान में अपने बगीचों में उत्पादित सेब व अखरोट की प्रदर्शनी लगाई। उनका कहना था कि काश्तकार जब सीधे ग्राहक से जुड़ेगा, तभी उसे उसकी मेहनत का वास्तविक दाम मिल पाएगा। कहा कि उत्तराखंड में यदि काश्तकार पारंपरिक खेती छोड़ उद्यान की ओर बढ़े तो राज्य की तस्वीर बदल सकती है।
मूल रूप से पौड़ी जिले के अंतर्गत द्वारीखाल प्रखंड के ग्राम अमाल्डू निवासी द्वारिका प्रसाद उनियाल ने बताया कि हिमाचल प्रदेश की सरकार ने काश्तकारों को प्रोत्साहित करने के लिए तमाम योजनाएं चलाई हैं। जंगली जानवर से फसलों को बचाने के लिए काश्तकारों को बंदूक का लाइसेंस दिए जाने का प्रावधान है। अधिकांश फल उत्पादक क्षेत्रों को सड़कों से जोड़ा गया। कहा कि उत्तराखंड में जगह-जगह सेब प्रदर्शनी लगाकर वह युवाओं व काश्तकारों को बगीचे लगाने के लिए जागरूक करने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि सेब की प्रदर्शनी में रॉयल गोल्डन, रिच रेड सहित सेब की विभिन्न किस्में रखी गई हैं, जो लोगों को आकर्षित कर रही हैं। इसके अलावा सेब की चटनी भी लोग खरीद रहे हैं।