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पहाड़ों की झीलों का रख-रखाव भी जरूरी

पहाड़ों की झीलों का रखरखाव भी जरूरी है। नेशनल फिजिकल लैबोटरी दिल्ली के निदेशक डॉ. डीके असवाल ने श्रीनगर में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि विकास के साथ-साथ वातावरण में कार्बनडाइआक्साइड की मात्रा भी बढ़ती है।

By Edited By: Published: Sun, 21 Oct 2018 07:18 PM (IST)Updated: Sun, 21 Oct 2018 07:18 PM (IST)
पहाड़ों की झीलों का  रख-रखाव भी जरूरी
पहाड़ों की झीलों का रख-रखाव भी जरूरी
जागरण संवाददाता, श्रीनगर गढ़वाल : पहाड़ों की झीलों का रखरखाव भी जरूरी है। नेशनल फिजिकल लैबोटरी दिल्ली के निदेशक डॉ. डीके असवाल ने श्रीनगर में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि विकास के साथ-साथ वातावरण में कार्बनडाइआक्साइड की मात्रा भी बढ़ती है। सूर्य की रोशनी से विकिरण का दुष्प्रभाव भी होता है। इसलिए विकास को लेकर विशेषकर पहाड़ों के लिए प्ला¨नग बेहतर और व्यवहारिक होनी भी जरूरी है। पहाड़ों की झीलों का रखरखाव जरूरी है। डॉ. असवाल ने कहा कि निर्माण कार्यो का स्थानीय स्तर पर प्रभाव पड़ता है। नदियों के उद्गम स्थल के साथ ही नदियों के संरक्षण को लेकर व्यावहारिक नीतियां बनायी जानी जरूरी हैं। गढ़वाल विश्वविद्यालय से ही 1983 में बीएससी और 1985 में एमएससी की उपाधि लिए डॉ. डीके असवाल का कहना है कि विभिन्न शोध परिणामों के साथ ही विशेषकर विज्ञान क्षेत्र में मापन यंत्र का उच्च स्तरीय होना जरूरी भी है।

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