चारधाम यात्रा में बसें नहीं भेजेगा जीएमओयू
जागरण संवाददाता, कोटद्वार: उत्तराखंड की प्रमुख यातायात कंपनियों में शुमार गढ़वाल मोटर्स ऑनर्स यूनि
जागरण संवाददाता, कोटद्वार:
उत्तराखंड की प्रमुख यातायात कंपनियों में शुमार गढ़वाल मोटर्स ऑनर्स यूनियन (जीएमओयू) चारधाम यात्रा में अपनी बसों का संचालन नहीं करेगा। एक वर्ष का टैक्स माफ न होने के कारण कंपनी ने अभी तक 280 बसों के परमिट परिवहन कार्यालय में जमा कर दिए हैं। आमजन को सहूलियत को देखते हुए करीब तीन महीने बाद कंपनी गढ़वाल के विभिन्न रूटों पर बसों को सड़क पर उतारने की तैयारी कर रही है।
उत्तराखंड परिवहन निगम के बाद अब जीएमओयू भी बसों को सड़कों पर उतारने की तैयारी कर रहा है। बुधवार को कंपनी ने कोटद्वार-बैजरो-थलीसैंण रूट पर एक बस सेवा शुरू की। बस में मात्र चार लोग ही सवार हुए। कंपनी अध्यक्ष जीत सिंह पटवाल ने बताया कि चारधाम यात्रा में उत्तराखंड के नागरिक काफी कम तादाद में जाते हैं, ऐसे में चारधाम रूट पर बस सेवाएं चलाना सिर्फ घाटे का सौदा है। बताया कि कंपनी सरकार से एक वर्ष का टैक्स माफ करने की मांग कर रही है, लेकिन सरकार उनकी मांग सुनने को तैयार नहीं है। नतीजा, कंपनी चारधाम रूट पर बस सेवाएं नहीं चलाएगी। बताया कि आमजन के हितों के मद्देनजर कंपनी जिले में अपनी सेवाएं शुरू कर रही है। बताया कि बुधवार को थलीसैंण-बैजरो-कोटद्वार रूट पर बस भेजी गई। गुरुवार को पौड़ी, हरिद्वार, चौबट्टाखाल व सेंधार रूट पर सेवाएं चलाई जाएंगी।
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डेढ़ गुणा बढ़ाया किराया
प्रदेश सरकार ने भले ही यात्री वाहनों को यात्री किराये में दोगुना बढ़ोत्तरी करने का निर्णय लिया था। लेकिन, जीएमओयू ने किराये में मात्र डेढ़ गुना बढ़ोत्तरी की है। कंपनी अध्यक्ष जीत सिंह पटवाल ने बताया कि डीजल के दामों में हुई भारी बढ़ोत्तरी के कारण किराये में डेढ़ गुना बढ़ोत्तरी कंपनी की मजबूरी थी। बताया कि यात्रियों की तादाद बढ़ने के बाद भविष्य में किराये में कमी की जाएगी।
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पिछले तीन महीने से कोटद्वार के जिए जीएमओयू मुख्यालय में सन्नाटा पसरा हुआ था, बुधवार से कंपनी की ओर से बसें संचालित करने संबंधी निर्णय के बाद मुख्यालय में चहल-पहल शुरू हो गई।