दशक बीता, नहीं मिला अपना भवन
जागरण संवाददाता कोटद्वार स्थापना के तीस वर्ष बाद भी कोटद्वार में अग्निशमन विभाग को आज तक न
जागरण संवाददाता, कोटद्वार : स्थापना के तीस वर्ष बाद भी कोटद्वार में अग्निशमन विभाग को आज तक न तो अपना कार्यालय मिल पाया और न ही आवासीय कॉलोनी। करीब एक दशक पूर्व आवासीय व अनावासीय कॉलोनी के लिए स्थान भी चयनित कर आवासीय कॉलोनी निर्माण को बजट की प्रथम किश्त भी जारी की गई, लेकिन द्वितीय किश्त जारी करने में करीब नौ वर्ष का समय बीत गया। नतीजा, जहां कार्य की लागत बढ़ गई, वहीं अधूरे बने भवन भी जर्जर होने लगे। करीब एक दशक बाद किसी तरह आवासीय भवन तो बने, लेकिन अनावासीय भवन के लिए अभी अग्निशमन कर्मियों को लंबा इंतजार करना पड़ेगा।
उत्तर प्रदेश शासनकाल में यहां ग्रास्टनगंज में खोह नदी के तट पर केसर हिद भूमि में 30 दिसंबर 1989 को दमकल स्टेशन की स्थापना की गई। नगर से करीब तीन किलोमीटर दूर होने के कारण आग की घटनाओं के वक्त दमकल वाहन को मौके में पहुंचने में काफी समय लगता था और दमकल कर्मियों को जनता का कोपभाजन बनना पड़ता था। इन तमाम परेशानियों को देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने नगर अथवा नजदीकी क्षेत्र में दमकल स्टेशन की स्थापना का निर्णय लिया। 1991-92 में यहां बीईएल रोड पर दमकल विभाग के आवासीय व अनावासीय परिसर के लिए करीब दो हेक्टेयर भूमि खरीदी।
राज्य गठन के बाद शासन ने उत्तर प्रदेश शासनकाल में स्वीकृत इस भूमि की सुध ली व दमकल विभाग के आवासीय व अनावासीय भवनों के लिए प्रस्ताव मांगे। ग्रामीण अभियंत्रण सेवा विभाग (वर्तमान में ग्राम्य विकास विभाग) ने आवासीय भवनों के लिए 97.21 लाख का प्रस्ताव शासन को भेजा, जिसके सापेक्ष शासन ने 28 अगस्त 2009 को 39 लाख की धनराशि अवमुक्त कर दी है। प्रस्ताव के मुताबिक प्रथम, द्वितीय व तृतीय श्रेणी के 15 आवास बनने थे। अवमुक्त धनराशि से कार्यदायी संस्था आरईएस ने द्वितीय व तृतीय श्रेणी के चार आवास बना दिए और कार्य बंद कर दिया। शासन से और धनराशि अवमुक्त नहीं हुई, जिस कारण कार्य पर भी ब्रेक लग गया। 2017 में कार्यदायी संस्था ने 1.70 करोड़ का रिवाइज्ड इस्टीमेट शासन में भेजा, जिसके सापेक्ष शासन ने 2017 में 36 लाख की धनराशि अवमुक्त कर दी। बताया जा रहा है कि चुनाव आचार संहिता जारी होने से पूर्व शासन ने आवासीय भवन निर्माण को एक करोड़ की धनराशि अवमुक्त कर दी है।
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