हाथियों ने दो दिन घेरे रखा शिशु हाथी का शव, वनकर्मी नहीं जुटा पाए हिम्मत
कोटद्वार के गुलरझाला बीट के सिगड्डी कक्ष में हाथियों का झुंड दो दिन तक शिशु के हाथी के शव को घेरे रहेे। इस दौरान कोर्इ भी वनकर्मी उनके पास जाने की हिम्मत नहीं जुुटा पाया।
कोटद्वार, [जेएनएन]: संवेदनाएं इंसान ही नहीं, जानवरों में भी होती हैं। लैंसडौन वन प्रभाग के कोटद्वार क्षेत्र में इसकी बानगी देखने को मिली। वहां हाथियों के झुंड ने दो दिन तक शिशु हाथी के शव को घेरे रखा। वन कर्मियों के तमाम प्रयासों के बाद सुबह झुंड शव से दूर हुआ। तब जाकर वन कर्मी पोस्टमार्टम के लिए शव अपने कब्जे में ले सके। शिशु हाथी की मौत बीमारी से होना बताया जा रहा है।
मामला कोटद्वार रेंज की गुलरझाला बीट के सिगड्डी कक्ष का है। जहां रविवार शाम वन कर्मियों को हाथियों का एक झुंड नजर आया। उन्होंने झुंड के नजदीक जाने का प्रयास किया, लेकिन हाथियों का उग्र रूप देख कदम पीछे खींचने को मजबूर हो गए। सोमवार को भी वनकर्मी लगातार झुंड के आसपास पहुंचकर जायजा लेने का प्रयास करते रहे, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।
मंगलवार सुबह वन कर्मी एक बार फिर मौके पर पहुंचे तो हाथियों का झुंड कहीं नजर नहीं आया। लेकिन, मौके पर एक शिशु हाथी का शव पड़ा हुआ था। सूचना पर रेंज अधिकारी एसपी कंडवाल टीम के साथ मौके पर पहुंचे और शव को कब्जे में ले लिया। कंडवाल के अनुसार मृत शिशु हाथी दस-बारह दिन का है और प्रथम दृष्ट्या उसकी मौत बीमारी से हुई प्रतीत हो रही है। बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही मौत के सही कारणों का पता चल पाएगा।
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