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पशुपालकों की आर्थिकी होगी मजबूत

गुरुवेंद्र नेगी, पौड़ी: ग्रामीण क्षेत्रों में पशु नस्ल सुधार की योजना से पशु पालकों की आर्थिकी मजबूत

By JagranEdited By: Published: Thu, 12 Dec 2019 03:00 AM (IST)Updated: Thu, 12 Dec 2019 06:10 AM (IST)
पशुपालकों की आर्थिकी होगी मजबूत
पशुपालकों की आर्थिकी होगी मजबूत

गुरुवेंद्र नेगी, पौड़ी: ग्रामीण क्षेत्रों में पशु नस्ल सुधार की योजना से पशु पालकों की आर्थिकी मजबूत होगी। इस दिशा में एकेश्वर व पोखड़ा ब्लॉक के कई गांवों में प्रथम चरण में कृत्रिम गर्भाधान के माध्यम से आनुवांशिक गुणवत्ता की स्थानीय गायों से उत्पन्न संतति-बछिया से उम्मीदों को भी पंख लगे हैं।

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पशु पालन विभाग से जलागम ग्राम्य-दो के सहयोग से जनपद के पोखड़ा व एकेश्वर ब्लॉक के कई गांव में आनुवांशिक गुणवत्ता की स्थानीय गायों में कृत्रिम गर्भाधान के माध्यम से उन्नत नस्ल की बछिया उत्पन्न हुई। अब जिला प्रशासन ने इसे बहुआयामी स्वरूप देते हुए व्यापक स्तर पर कार्य शुरू कर दिया है। मंशा किसानों की आय दोगुना करने, आर्थिकी से जोड़ने व पलायन को रोकना है। मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. एसके बत्र्वाल के मुताबिक अभी तक विभिन्न गांवों में कृत्रिम योजना से 140 उत्तम किस्म की बछिया उत्पन्न हो चुकी है।

ग्राम्य के सहयोग से किया गया शुरू

पशु पालन विभाग के मुताबिक वर्ष 2017-18 में विभाग से जलागम ग्राम्या-दो के सहयोग से पायलट प्रोजेक्ट के रुप में पोखड़ा व एकेश्वर क्षेत्र के कई गांवों में हारमोन उत्प्रेरित विधि द्वारा 200 निम्न आनुवांशिक गुणवत्ता के स्थानीय मादा गोवंशीय पशुओं में उच्च गुणवत्ता कृत्रिम गर्भाधान का कार्य शुरु किया गया। पोखड़ा क्षेत्र में सौ सामूहिक कृत्रिम गर्भाधान से 22 नर तथा 19 मादा तथा एकेश्वर क्षेत्र में आठ नर तथा दस मादा संतति प्राप्त हुई।

इन गांवों का हुआ है चयन

विकासखंड- पोखड़ा मल्ली बीणा, बीणा धार, सकनोली, मेवा, चोपड़ा, गडरी, झलपड़ी, मसमोली, घंडियाल, नौगांव, कसाली, भदूली। विकासखंड- एकेश्वर,भेड़ गांव, संगलाकोटी, कोयलगांव, भैधार, बिजोली, कांडई, गुराड़ तल्ला, मल्ला, स्यूंली, कपटियाल गांव।

ये है मौजूदा तस्वीर:

पोखड़ा ब्लॉक के विभिन्न गांवों में 740 गायों में सामुहिक कृत्रिम गर्भाधान करवाया गया। जिसमें 295 कृत्रिम गर्भाधान पशु में से 68 मादा तथा दो नर संतति उत्पन्न हुए जबकि एकेश्वर ब्लॉक में 600 पशुओं से 127 गर्भित पशुओ से 41 मादा तथा दो नर संतति उत्पन्न हुए। इस दिशा में पशुपालन विभाग की ओर से कार्य गतिमान है।

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ग्रामीण क्षेत्रों से पलायन रोकने के लिए पशु पालन व्यवसाय बेहतर जरिया है। एकेश्वर व पोखड़ा विकासखंड में पशु नस्ल सुधार की दिशा में कार्य शुरु करवा दिया गया है। धीराज सिंह गब्र्याल, जिलाधिकारी पौड़ी गढ़वाल।


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