अपनी पीड़ा भूल कोविड-19 से जंग जीतने में जुटे डॉ. रावत
श्रीनगर मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य प्रोफेसर डॉ. चंद्रमोहन रावत कोरोना रोगियों को बचाने की मुहिम में जुटे हैं।
जागरण संवाददाता, श्रीनगर गढ़वाल : श्रीनगर मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य प्रोफेसर डॉ. चंद्रमोहन सिंह रावत ने पारिवारिक कर्त्तव्य के आगे समाज के प्रति अपने कर्त्तव्य को अधिक महत्व दिया। मां के निधन के 48 घंटे बाद ही डॉ. रावत मेडिकल कॉलेज पहुंचकर कोविड-19 के खिलाफ जंग की व्यवस्थाओं को और तेज करने में जुट गए। अपने कर्तव्य के प्रति उनका यह समर्पण भाव मेडिकल कॉलेज की फैकल्टियों और कर्मचारियों के लिए भी प्रेरणादायी बन रहा है।
प्रदेश सरकार ने बेस अस्पताल श्रीकोट श्रीनगर को कोविड-19 अस्पताल घोषित कर श्रीनगर मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य प्रोफेसर डॉ. चंद्रमोहन सिंह रावत के दायित्वों में बढ़ोत्तरी कर दी। प्राचार्य डॉ. रावत बीते मार्च महीने से ही दिनरात मेडिकल कॉलेज और बेस अस्पताल की व्यवस्थाओं को बेहतर करने में जुटे रहे। इसी बीच बीते तीन जुलाई की सुबह उन्हें सूचना मिली कि देहरादून में उनकी माता 80 वर्षीया सुदामा देवी रावत का अचानक स्वर्गवास हो गया। अपनी मां के लाडले पुत्र रहे डॉ. रावत इस बात से ज्यादा व्यथित हुए कि बतौर डॉक्टर अंतिम क्षणों में वह अपनी मां की सेवा व उनके स्वास्थ्य की देखभाल नहीं कर पाए। जबकि, मां हमेशा से ही उनके साथ रहती आयी है। बीते 15 जून को ही वह कुछ दिनों के लिए देहरादून में रहने वाली अपनी बेटी के पास गयी थी। बीते तीन जुलाई को हरिद्वार में अपनी मां का दाह संस्कार करने के बाद श्रीनगर पहुंचे डॉ. रावत को दुख के इन क्षणों में भी कोविड-19 के खिलाफ अपने दायित्व को नहीं भूले और स्वजनों तथा मित्रों के मना करने के बावजूद उन्होंने 48 घंटों के उपरांत ही मेडिकल कॉलेज पहुंचकर अपना दायित्व संभाला और कोरोना के खिलाफ प्रतिदिन किए जा रहे कार्यों के समन्वय और संचालन को तेज धार देने में जुट गए। बीते सोमवार से उन्होंने कोरोना के खिलाफ डॉक्टरों, पैरामेडिकल स्टाफ, स्टाफ नर्सों के साथ ही अन्य कर्मचारियों को भारत सरकार की गाइडलाइन के अनुसार प्रशिक्षण देकर उन्हें तीन कार्यशालाएं आयोजित करवा दी। मेडिकल कॉलेज की कोविड लैब और बेस अस्पताल के कोविड वार्ड की व्यवस्थाओं का निरीक्षण करना उनकी दिनचर्या का हिस्सा है। बरसात के मौसम को देखते हुए उन्होंने श्रीनगर मेडिकल कॉलेज में डेंगू, चिकनगुनिया के साथ ही अन्य संक्रमक रोगों के खिलाफ भी डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ को अपडेट रखने के कार्यक्रम बीते बुधवार से शुरू कर दिए। प्रो. डॉ. चंद्रमोहन सिंह रावत का कहना है कि मां के आकस्मिक निधन से मिली असहनीय वेदना और दुख को वह कर्त्तव्यों के निर्वहन में शामिल देखते हैं।