नेत्र रोगों के बारे में डॉ. पांडे की पुस्तक उपयोगी
नेत्र रोगों का अत्याधुनिक तकनीक से पता लगाने के साथ ही उनके अनुभव काम आएंगे।
जागरण संवाददाता, श्रीनगर गढ़वाल: नेत्र रोगों का अत्याधुनिक तकनीक से पता लगाने के साथ ही उनके उपचार में श्रीनगर मेडिकल कालेज नेत्र विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर डॉ. अच्युत एन पांडे की लिखी पुस्तक 'ऑप्थल मैलोजी मैनुअल फार इंटर्न्स एंड रेंजिडेंट्स' प्रशिक्षु डॉक्टर के साथ ही रेजीडेंट डॉक्टर के लिए भी बहुत उपयोगी मानी जा रही है।
मेडिकल क्षेत्र के जानकार कहते हैं कि ओपीडी में कार्य करने वाले प्रशिक्षु डॉक्टर के लिए यह पुस्तक बहुत उपयोगी है। इसमें नेत्र रोगों के कारणों का पता लगाने के साथ ही उनके उपचार में आने वाली अत्याधुनिक विधियों को भी सरल मेडिकल भाषा में बताया है। मेडिकल कालेज के प्राचार्य प्रोफेसर डॉ. चंद्रमोहन सिंह रावत ने डॉ. अच्युत एन पांडे की लिखित पुस्तक को मेडिकल छात्रों के लिए बहुत उपयोगी बताते हुए कहा कि विशेषकर प्रशिक्षु और सीनियर व जूनियर रेजीडेंट्स की क्लीनिकल स्किल्स बढ़ाने में भी यह पुस्तक बहुत सहायक है।
नेत्र रोग विशेषज्ञों विशेषकर प्रशिक्षु और रेजिडेंट डॉक्टर के लिए डॉ. अच्युत एन पांडे की लिखी 'आप्थल मैलोजी मैनुअल फार इंटर्न्स एण्ड रेजिडेंट्स' पुस्तक को और अधिक उपयोगी बनाने में राजकीय मेडिकल कालेज दतिया मध्य प्रदेश के नेत्र विभाग के डॉ. मनोज त्यागी की भी भूमिका महत्वपूर्ण है। डॉ. अच्युत एन पांडे ने कहा कि प्रशिक्षु और रेजिडेंट्स के साथ ही यह पुस्तक अन्य हेल्थ केयर प्रोफेशनल्स के लिए भी उपयोगी है।
श्रीनगर मेडिकल कालेज के नेत्र रोग विभाग के अध्यक्ष डॉ. पांडे सिगापुर नेशनल आइ सेंटर के साथ ही जोसफ आइ हास्पिटल ट्रिची, अरविद आइ हास्पिटल कोयंबटूर से भी प्रशिक्षित हैं। देश-विदेश के प्रतिष्ठित मेडिकल जर्नल्स में उनके 30 शोधपत्र भी प्रकाशित हो चुके हैं। राजकीय मेडिकल कालेज दतिया के नेत्र विभाग में कार्यरत डॉ. मनोज त्यागी आंख के कैटरेक्ट और ग्लूकोमा रोगों के इलाज के लिए भी प्रख्यात हैं।