तीनों ऊर्जा निगमों के संविदा कर्मियों को नियमित किया जाए
उत्तरांचल बिजली कर्मचारी संघ संविदा प्रकोष्ठ ने ऊर्जा विभाग के तीनों निगमों में प्रस्तावित सीधी भर्ती पर राज्यपाल से तत्काल प्रभाव से रोक लगाने की मांग की है।
जागरण संवाददाता, श्रीनगर गढ़वाल :
उत्तरांचल बिजली कर्मचारी संघ संविदा प्रकोष्ठ ने ऊर्जा विभाग के तीनों निगमों में प्रस्तावित सीधी भर्ती पर राज्यपाल से तत्काल प्रभाव से रोक लगाने की मांग की है। संगठन के प्रदेश अध्यक्ष जगतराम भट्ट ने संविदा ऊर्जा कर्मियों की ओर से राज्यपाल को ज्ञापन प्रेषित कर इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप करने का अनुरोध भी किया है। उन्होंने कहा कि पावर कारपोरेशन, उत्तराखंड जलविद्युत निगम और पिटकुल में प्रदेश सरकार ने सीधी भर्ती के माध्यम से नियुक्तियां करवाने को लेकर जो आदेश जारी किए हैं उसे सरकार तत्काल निरस्त करे। इन तीनों निगमों में संविदा कर्मी पिछले 15-16 सालों से उपनल के माध्यम से सेवाएं दे रहे हैं। कोविड-19 महामारी के दौरान भी विद्युत संविदा कर्मियों ने फ्रंट लाइन पर कार्य करते हुए हमेशा विद्युत आपूर्ति सुचारु रखी है। लेकिन अब सरकार द्वारा सीधी भर्ती के माध्यम से नियुक्तियां करने का आदेश जारी कर बिजली कर्मचारी स्वयं को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि औद्योगिक न्यायाधिकरण हल्द्वानी द्वारा 12 सितम्बर 2017 को ऊर्जा के तीनों निगमों में कार्यरत संविदा कर्मियों को दैनिक वेतनभोगी मानते हुए नियमित करने का आदेश दिया गया था। उच्च न्यायालय नैनीताल ने भी 12 नवंबर 2018 को दिए निर्णय में प्रदेश शासन को निर्देश देते हुए कहा था कि राज्य के विभिन्न निगमों में उपनल के माध्यम से कार्य कर रहे संविदा कर्मियों को चरणबद्ध तरीके से नियमित किया जाए। इस निर्णय के खिलाफ प्रदेश सरकार द्वारा उच्चतम न्यायालय से स्थगन आदेश ले लिया गया और सचिव ऊर्जा विभाग द्वारा संविदा कर्मियों के मनोबल को गिराने का कार्य कर सीधी भर्ती के आदेश जारी किए गए हैं जो किसी भी स्थिति में न्यायोचित नहीं हैं।