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मांगा था बस अड्डा, हाथ आया गढ्डा

जागरण संवाददाता, कोटद्वार : मांगा था बस अड्डा, मिला गढ्ड़ा। कोटद्वार में नगर निगम की मोटरनगर स्थि

By JagranEdited By: Published: Mon, 12 Nov 2018 12:19 AM (IST)Updated: Mon, 12 Nov 2018 12:19 AM (IST)
मांगा था बस अड्डा, हाथ आया गढ्डा
मांगा था बस अड्डा, हाथ आया गढ्डा

जागरण संवाददाता, कोटद्वार :

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मांगा था बस अड्डा, मिला गढ्ड़ा। कोटद्वार में नगर निगम की मोटरनगर स्थित भूमि पर हुआ गढ्डा पिछले छह वर्षो से जहां आमजन को मुंह चिढ़ा रहा है, वहीं क्षेत्र की उस राजनीति की भी कलई खोल है, जिसमें विकास के दावे किए जाते हैं। बताना जरूरी है कि जिस सरकारी भूमि को बस अड्डा निर्माण के नाम पर खोद दिया गया, वहां से छह वर्ष पूर्व तक बस-टैक्सियों का संचालन होता था, जिस कारण शहर की सड़कें पार्किग में तब्दील नहीं होती थी, लेकिन आज सड़कें ही पार्किग में तब्दील हो चली हैं।

बताते चलें कि तत्कालीन नगर पालिका ने 23 मार्च 2013 को पीपीपी मोड पर मोटर नगर में आधुनिक बस टर्मिनल बनाने का कार्य एक निजी संस्था को सौंपा। संस्था ने मोटर नगर में बस अड्डे का निर्माण कार्य शुरू किया। पालिका ने मोटर नगर की 1.838 हेक्टेयर भूमि में से 15034 हेक्टेयर भूमि कंपनी को मुहैया करा दी। शर्तो के अनुरूप मार्च 2015 तक बस अड्डे का निर्माण पूर्ण कर नगर पालिका को सौंपा जाना था, लेकिन करार होने के छह माह बाद तक नगर पालिका ने मोटरनगर का भू उपयोग परिवर्तित नहीं किया। करीब छह माह बाद भू-उपयोग तो परिवर्तित हो गया, लेकिन जिस स्थान पर बस अड्डा निर्माण होना था, वहां पहले से ही दुकानें मौजूद थी, जिस कारण मसला फिर लटक गया।

इसके बाद भी नगर पालिका तय शर्तो के अनुरूप मोटर नगर की पूरी भूमि खाली करवा कर कार्यदायी संस्था को नहीं सौंप पाई, नतीजा, बस अड्डे का निर्माण अधर में लटक गया और यही स्थिति आज भी बरकरार है। क्षेत्र की जनता बस अड्डे के नाम पर बदहाल हुए मोटर नगर पर आंसू बहा रही है, लेकिन सरकारी सिस्टम बस अड्डे की राह में बाधा को हटाने के बजाए आंखे मूंद कर बैठा है। नतीजा, बस अड्डा तो मिला नहीं, अलबत्ता बस अड्डे के नाम पर मिला बड़ा गढ्डा आज भी आमजन को मुंह चिढ़ा रहा है। 'क्षेत्र में सड़कों पर ही पार्किग होना वास्तव में गंभीर विषय है। प्रशासन को मोटर नगर का मामला सुलझा कर बस अड्डा निर्माण करवाना चाहिए। सतीश कुकरेती, गैरेज रोड' 'मोटर नगर के नाम पर हुआ गड्डा सरकारी सिस्टम की घोर लापरवाही का प्रतीक है। जनप्रतिनिधियों ने भी कभी इस ओर ध्यान नहीं दिया। राजेश शर्मा, नजीबाबाद रोड 'कोटद्वार में बस अड्डा न होने के कारण बसें सड़क किनारे खड़ी रहती है, जिससे दुर्घटनाओं का डर बना रहता है। पार्किंग की बेहतर व्यवस्था होनी चाहिए। मंजूर अहमद, कुंभीचौड़ 'मोटर नगर के नाम पर जिस तरह गड्डा किया गया है, इससे बेहतर तो पूर्व का मोटर नगर ही था, जो कम से कम वाहनों की पार्किंग के काम तो आता था। संदीप घिल्डियाल, देवी रोड' 'लंबे समय बाद भी मोटर नगर का निर्माण न होना वास्तव में हैरानी का विषय है। स्पष्ट है कि क्षेत्र के विकास की ओर किसी ने कोई ध्यान नहीं दिया। नवीन नेगी, काशीरामपुर' 'मोटर नगर में भरान कर पार्किग बना देनी चाहिए। बस अड्डा तो बना नहीं, पुरानी सूरत ही वापस लौट आए। संजय नेगी, मानपुर' संदेश : 11 कोटपी 3

कोटद्वार में आधुनिक बस अड्डे के नाम पर बदहाल हुआ मोटरनगर। 11 कोटपी 4

सतीश कुकरेती 11 कोटपी 5

राजेश शर्मा 11 कोटपी 6

संदीप घिल्डियाल 11 कोटपी 7

मंजूर अहमद 11 कोटपी 8

नवीन नेगी 11 कोटपी 9

संजय नेगी


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