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101 नव आरक्षी बने एसएसबी का अंग, 27 महिला आरक्षी शामिल

101 नव आरक्षी एसएसबी में शामिल हो गए हैं। इनमें 27 महिला आरक्षी भी हैं, जो सभी जम्मू कश्मीर प्रदेश की हैं।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Sat, 13 Oct 2018 08:42 PM (IST)Updated: Sat, 13 Oct 2018 08:42 PM (IST)
101 नव आरक्षी बने एसएसबी का अंग, 27 महिला आरक्षी शामिल
101 नव आरक्षी बने एसएसबी का अंग, 27 महिला आरक्षी शामिल

श्रीनगर गढ़वाल, [जेएनएन]: 101 नव आरक्षी सशस्त्र सीमा बल के विधिवत अंग बन गए। 44 सप्ताह के कठोर प्रशिक्षण के बाद एसएसबी में शामिल हुए इन नव आरक्षियों में 27 महिला आरक्षी भी हैं, जो सभी जम्मू कश्मीर प्रदेश की हैं। 101 नव आरक्षियों में 89 आरक्षी जम्मू कश्मीर से ही हैं। उत्तराखंड, यूपी, बिहार, झारखंड से एक-एक और त्रिपुरा से दो और शेष छह अन्य राज्यों से हैं। 

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सशस्त्र सीमा बल प्रशिक्षण केंद्र श्रीनगर गढ़वाल में शनिवार को भव्य दीक्षांत परेड का आयोजन किया गया। इस दौरान नव आरक्षियों ने मुख्य अतिथि और मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत को सलामी दी। साथ ही संविधान के प्रति निष्ठा और कर्तव्यपरायणता की शपथ ली।

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि इस दीक्षांत परेड से जम्मू कश्मीर के श्रीनगर और उत्तराखंड के श्रीनगर के भावनात्मक संबंधों को और मजबूती मिली है। सेना और अर्धसैनिक बलों की बदौलत हमारा देश पूर्ण सुरक्षित है। सीमा सुरक्षा और सीमा प्रबंधन में एसएसबी की बेहद कुशलता का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने कहा कि नेपाल और भूटान की खुली सीमाओं पर सुरक्षा कार्य करना जटिल भी है और एसएसबी इस दायित्व को बखूबी निर्वाह भी कर रहा है।

एसएसबी के महानिरीक्षक प्रशिक्षण प्रेमस्वरूप नेगी ने कहा कि एसएसबी के जवान और अधिकारी सेवा सुरक्षा और बंधुत्व मूल मंत्र के साथ पूर्ण समर्पण और ईमानदारी से देश की सीमाओं में सुरक्षा में डटे रहते हैं। एसएसबी प्रशिक्षण केंद्र के उपमहानिरीक्षक उपेंद्र प्रकाश बलोदी ने मुख्यमंत्री और अन्य अतिथियों का एसएसबी परिवार की ओर से स्वागत करते हुए कहा कि 44 सप्ताह के गहन प्रशिक्षण के उपरांत 101 यह नए जवान अब एसएसबी में शामिल हुए हैं। प्रशिक्षण को लेकर प्रशिक्षुओं को फिजिकली फिट के साथ-साथ मानसिक रूप से भी सशक्त बनाया जाता है।

इससे पूर्व कमांडेंट नागेंद्र सिंह रौतेला ने नव आरक्षियों को देश की रक्षा और कर्तव्यों को लेकर शपथ दिलाई। परेड कमांडर सुमनलता द्वारा दीक्षांत परेड की आकर्षक कमांड भी की गयी। प्रशिक्षु अजय करोत्रा दीक्षांत परेड के द्वितीय कमान अधिकारी थे।  देवप्रयाग विधायक विनोद कंडारी, कर्णप्रयाग विधायक सुरेंद्र सिंह नेगी बतौर विशिष्ट अतिथि दीक्षांत परेड समारोह में उपस्थित थे। जिलाधिकारी पौड़ी सुशील कुमार, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जगतराम जोशी के साथ ही जिला प्रशासन के अन्य अधिकारी भी दीक्षांत परेड समारोह में शामिल हुए। 

हितेंद्र को सर्वश्रेष्ठ आरक्षी का पुरस्कार

हितेंद्र कुमार को ओवर आल बेस्ट नवआरक्षी के साथ ही आंतरिक प्रशिक्षण में भी सर्वश्रेष्ठ का पुरस्कार मुख्यमंत्री की ओर से दिया गया। परेड कमांडर रही सुमनलता को बेस्ट ड्रिल और बेस्ट टर्नआउट का पुरस्कार मिला। डौली देवी को वाह्य प्रशिक्षण में सर्वश्रेष्ठ, शुभम वर्मा को सर्वोत्तम फायरर का पुरस्कार मिला। कमर इकबाल को बेस्ट इंडोरेंस का पुरस्कार मिला।

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