ठंड ने बढ़ाई मुश्किलें, बढ़ रहे मरीज
संवाद सहयोगी कोटद्वार सुबह-शाम छा रहे कोहरे के साथ ही दोपहर के समय चल रही सर्द हव
संवाद सहयोगी, कोटद्वार: सुबह-शाम छा रहे कोहरे के साथ ही दोपहर के समय चल रही सर्द हवाओं ने आमजन को बीमार करना शुरू कर दिया है। यही कारण है कि बेस चिकित्सालय कोटद्वार में इन दिनों खांसी-जुकाम व बुखार के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ने लगी है। चिकित्सकों की ओर से दिल और अस्थमा के मरीजों को विशेष सावधान रहने की सलाह दी जा रही है। सर्द मौसम में बुजुर्ग व बच्चों की सेहत को लेकर भी सावधान रहने की आवश्यकता है।
सात जनवरी को कोटद्वार व आसपास क्षेत्र में हुई बारिश से तापमान लगातार गिरता जा रहा है। पिछले चार दिन से क्षेत्रवासियों को धूप के दर्शन तक नहीं हुए। ऐसे में सर्द मौसम आमजन की सेहत बिगाड़ने लगा है। बेस चिकित्सालय कोटद्वार की बात करें तो यहां पिछले चार दिन से लगातार खांसी, जुकाम व बुखार के मरीजों की संख्या बढ़ रही है। ठंड के कारण छोटे बच्चों में भी निमोनिया की शिकायत बनी हुई है। बेस चिकित्सालय के वरिष्ठ फिजीशियन डा. जेसी ध्यानी ने बताया कि दिल और अस्थमा के मरीजों के लिए यह मौसम तकलीफदेह हो सकता है। दरअसल, ठंड में हृदय से शरीर में रक्त पहुंचाने वाली धमनियां सिकुड़ जाती है। इसके चलते दिल पर दबाव बढ़ता है, जो खतरनाक साबित हो सकता है।
धूप खिलने पर मार्निग वाक
चिकित्सकों की माने तो दिल और अस्थमा के मरीजों को इस मौसम में मार्निग वाक से बचना चाहिए। दअरसल, सुबह-शाम छा रहा कोहरा उनके लिए काफी घातक हो सकता है। बहुत जरूरी हो तो धूप खिलने के बाद भी मार्निग वाक पर निकलना चाहिए। यदि कोई भी परेशानी हो तो तुरंत चिकित्सक की सलाह लें।
हृदय रोगियों के लिए चिकित्सकों के सुझाव
- काम के दौरान बीच-बीच में आराम करें
-कोलेस्टाल लेवल को स्थिर रखने की कोशिश करें
- शराब व धूम्रपान से सर्दियों के मौसम में खुद को दूर रखें
- घर से निकलते समय पर्याप्त गर्म कपड़े पहनें
- बेचैनी और सांस में तकलीफ महसूस हो तो चिकित्सक की सलाह लें
ओपीडी से पहले कोरोना जांच
कोटद्वार बेस अस्पताल में ओपीडी में जाने से पूर्व मरीजों की कोरोना जांच भी की जा रही है। चिकित्सक से मिलने से पूर्व मरीज के पर्चे पर कोरोना जांच की मोहर लगी होनी जरूरी है। इसके लिए बकायदा पंजीकरण स्थल के समीप कैंप भी लगाया गया है। ओपीडी की पर्ची बनाते ही मरीज कोरोना जांच के लिए लाइन में खड़े हो रहे हैं। रिपोर्ट पाजिटिव आने पर चिकित्सक मरीज से संपर्क कर उसे घर पर ही आइसोलेट कर रहे हैं।