बरसते रहे बादल, थमी रही सांसें
याद कीजिए चार अगस्त 2017 की वह सुबह जब पनियाली गदेरा रौद्र रूप में था। कई घरों में गदेरे का मलबा घुस गया।
जागरण संवाददाता, कोटद्वार: याद कीजिए, चार अगस्त 2017 की वह सुबह, जब पनियाली गदेरा रौद्र रूप में था। कई घरों में गदेरे का मलबा घुस गया। सात व्यक्तियों को जान गंवानी पड़ी, जबकि बड़ी आबादी को लाखों का नुकसान हुआ। सरकार बोली कि गदेरे को जंगल के भीतर से ही सुखरो नदी की ओर डायवर्ट कर दिया जाएगा। आमजन ने भी सरकार पर भरोसा जताया। चार वर्ष बीत गए, लेकिन आज भी पनियाली गदेरा बरसात में आमजन की सांसों को थाम देता है।
रविवार करीब सात बजे से क्षेत्र में मूसलधार बारिश शुरू हुई। करीब डेढ़ घंटे की मूसलधार बारिश के बाद तमाम बरसाती गदेरे उफान पर आ गए। पनियाली गदेरे में भी जलस्तर बढ़ने लगा। बढ़ते जलस्तर के साथ ही गदेरे के दोनों किनारों पर बसी आबादी की सांसें भी थमने लगी। सबकी निगाहों के सामने चार अगस्त 2017 का वह मंजर घूम रहा था, जब गदेरे का मलबा आमजन की घरों में घुस गया था। बताना जरूरी है कि घाड़ क्षेत्र के जंगलों से आने वाला पनियाली गदेरा कोटद्वार नगर क्षेत्र के करीब तीन किलोमीटर हिस्से में शहर के बीच से होकर गुजरता है। तीन-चार दशक पूर्व गदेरे की चौड़ाई करीब 80 से 100 मीटर थी, लेकिन अवैध अतिक्रमण के कारण गदेरा गंदा नाला बनकर रह गया।
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फाइलों में दफन प्रस्ताव
2017 की तबाही के बाद लैंसडौन वन प्रभाग की कोटद्वार रेंज के जंगलों से होकर आने वाले इस पनियाली गदेरे को जंगल के भीतर ही सुखरो नदी की ओर डाइवर्ट कराने की योजना बनाई गई। चार वर्ष बीत गए, लेकिन आज तक योजना धरातल पर नजर नहीं आई। इतना ही नहीं, आज इस योजना के बारे में फाइलें तक सरकारी टेबल पर नजर नहीं आ रही हैं। इधर, प्रशासन की ओर से तीन वर्ष पूर्व पनियाली गदेरे में 54 अतिक्रमण चिह्नित किए गए थे। लेकिन, आज तक प्रशासन की ओर से इस अतिक्रमण को भी नहीं हटाया गया है।
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इन क्षेत्रों को है खतरा
पनियाली गदेरे से जौनपुर, सिताबपुर, आर्मी कैंटीन, एमटी कैंप क्षेत्र, पालिका की रिफ्यूजी कालोनी, बिजली घर, सूर्यनगर, प्रतापनगर, देवी नगर, शिवपुर, मानपुर, पदमपुर, कौड़िया की बड़ी आबादी को बाढ़ का खतरा बना हुआ है। वर्तमान में पनियाली गदेरे में पूर्व में बनाई गई सुरक्षा दीवार के ऊपर भी कई व्यक्तियों ने अपने घरों की दीवारें उठा दी हैं।
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बरसात को लेकर एसडीआरएफ व सिचाई विभाग के साथ योजना बनाई गई है। यदि अधिक बारिश होती है तो पनियाली गदेरे के आसपास बने मकानों को खाली करवाया जाएगा। अतिक्रमण हटाने के लिए कार्रवाई की जाएगी।
योगेश मेहरा, उपजिलाधिकारी