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प्रशासन की अनुमति पर होंगे भंडारे

जागरण टीम गढ़वाल अब जिले में कोई भी सामाजिक कार्यकर्ता या संस्था बिना प्रशासन की अनुमति के भ

By JagranEdited By: Published: Mon, 30 Mar 2020 05:12 PM (IST)Updated: Mon, 30 Mar 2020 05:12 PM (IST)
प्रशासन की अनुमति पर होंगे भंडारे
प्रशासन की अनुमति पर होंगे भंडारे

जागरण टीम, गढ़वाल: अब जिले में कोई भी सामाजिक कार्यकर्ता या संस्था बिना प्रशासन की अनुमति के भंडारा आयोजित नहीं करेगा। सामाजिक कार्यकर्ता व संस्थाएं भंडारे के लिए प्रशासन को सामग्री उपलब्ध कराएंगे। भंडारे के आयोजन की जिम्मेदारी संबंधित एसडीएम की होगी।

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अव्यवस्था के लिए एसडीएम होंगे जिम्मेदार

पौड़ी: जनपद में आयोजित हो रहे भंडारों के लिए जिलाधिकारी धीराज सिंह गब्र्याल ने दिशा निर्देश जारी किए है। जिलाधिकारी गब्र्याल ने कहा कि जनपद के विभिन्न क्षेत्रों में लॉक डाउन की अवधि में स्वयं सेवी संस्थाओं, दानदाताओं व राजनीतिक पार्टियों की ओर से भंडारे आयोजित किए जा रहे हैं। यह स्वागत योग्य है, लेकिन इस कार्य में अनियंत्रित रूप से लोगों के एकत्र होने की संभावना है। जो कोरोना संक्रमण रोकने के प्रयासों को विफल कर सकता है। जिलाधिकारी गब्र्याल ने कहा कि बिना प्रशासन की अनुमति के भंडारे संचालित नहीं होंगे। जिस भी तहसील क्षेत्र में भंडारा आयोजित होगा उसे व्यवस्थित करने की जिम्मेदारी संबंधित एसडीएम की होगी।

शारीरिक दूरी के तहत निभाई जाएगी धार्मिक रस्में

गोपेश्वर: श्रीबदरीनाथ के कपाट खुलने के लिए गाडू घड़ा तेल कलश 18 अप्रैल को राज दरबार नरेंद्र नगर टिहरी गढ़वाल से सादगीपूर्ण सीधे बदरीनाथ धाम रवाना होगा। इस बार कोरोना के चलते बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने से पूर्व होने वाले इस धार्मिक आयोजन में रस्म अदायगी मात्र होगी। डिमरी केंद्रीय धार्मिक पंचायत के अध्यक्ष विनोद डिमरी ने बताया कि पंचायत के चार प्रतिनिधि 17 अप्रैल को श्री बदरीनाथ -केदारनाथ मंदिर समिति के ऋषिकेश स्थित चंद्रभागा विश्राम गृह पहुंचेंगे। 18 अप्रैल को राजदरबार से भगवान बदरी विशाल के अभिषेक को प्रयुक्त होने वाले तिलों के तेल का कलश गाडू घड़ा (तेल कलश) लेकर श्री बदरीनाथ धाम रवाना होंगे। हालांकि 26 अप्रैल तक श्रीलक्ष्मी नारायण मंदिर डिम्मर में गाडू घड़ा की पूजा होगी।

धार्मिक आयोजनों पर भी लॉक डाउन

जोशीमठ: वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण के चलते उर्गम घाटी में आयोजित होने वाले धार्मिक आयोजनों को भी लॉक डाउन कर दिया है। स्थानीय निवासी रघुवीर सिंह नेगी ने बताया कि प्रतिवर्ष उर्गम घाटी में गौरा देवी, चोपता समेत कई अन्य मेले व अन्य धार्मिक आयोजन होते हैं। परंतु इस वर्ष कोरोना वायरस संक्रमण के चलते किए गए लॉक डाउन के कारण इन मेलों व धार्मिक आयोजनों पर भी संशय बना है। उर्गम घाटी में कोरोना वायरस संक्रमण को देखते हुए सभी लोग घरों में कैद हैं।


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