फोटो: अनदेखी के चलते कबाड़ बना बैंबू हट
होटल व्यवसायियों के साथ ही आमजन में बांस के प्रति आकर्षण पैदा करने के लिए उत्तराखंड बांस एवं रेशा विकास परिषद की ओर से लाखों की लागत से तैयार की गई बैंबू हट अनदेखी के चलते जर्जर हो गया है।
जागरण संवाददाता, कोटद्वार: होटल व्यवसायियों के साथ ही आमजन में बांस के प्रति आकर्षण पैदा करने के लिए उत्तराखंड बांस एवं रेशा विकास परिषद की ओर से लाखों की लागत से तैयार की गई बैंबू हट अनदेखी के चलते जर्जर हो गया है। बैंबू हट के मॉडल के रूप में वर्ष 2005 में तैयार की गई हट में शुरुआती दौर में कुछ गोष्ठियां तो आयोजित हुई, लेकिन वक्त बीतने के साथ ही परिषद ने इसकी सुध लेनी छोड़ दी। नतीजा, जिस बैंबू हट को 'मॉडल' बनना था, आज वह कबाड़ बनी हुई है।
वर्ष 2005 में करीब सात लाख की लागत से उत्तराखंड बांस एवं रेशा विकास परिषद ने लैंसडौन वन प्रभाग की पनियाली रेंज परिसर में एक बैंबू हट का निर्माण किया। मकसद था कि क्षेत्र में तेजी से बढ़ रहे होटल कारोबार से जुड़े व्यवसायियों को बांस की ओर आकर्षित करते हुए सीमेंट-कंक्रीट के बजाय बैंबू हट बनाने के लिए प्रेरित करना। मकसद कामयाब हो, इसके लिए बैंबू हट में पर्यटन से जुड़ी गोष्ठियां भी आयोजित की गई। लेकिन, प्रचार-प्रसार की कमी के चलते गोष्ठियां महज खानापूर्ति ही साबित हुई। वर्तमान में बैंबू हट अनदेखी के चलते जर्जर हो गया है।
यह थी खासियत
वर्ष 2005 में बनाए गए बैंबू हट पर जहां भूकंप का कोई प्रभाव नहीं पड़ता था। वहीं बरसात में हट की ढलावदार छतों पर पानी न रुकने के कारण हट के भीतर पानी रिसने की समस्या भी नहीं होता थी। हट का ढांचा इस तरह का था कि गर्मियों में इसके भीतर तापमन सामान्य के मुकाबले कम रहता था, जबकि ठंड के मौसम में बाहरी तापमान के मुकाबले भीतर का तापमान थोड़ा गर्म रहता था।
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बैंबू हट की मरम्मत करवाई जाएगी। साथ ही उसमें मौजूद कमियों को दूर कर एक बार फिर इसे मॉडल के रूप में प्रस्तुत किया जाएगा।
दिनेश जोशी, परियोजना प्रबंधक, उत्तराखंड बांस एवं रेशा परिषद