श्रीनगर में बैकुण्ठ चतुर्दशी मेला 21 नवंबर से
जागरण संवाददाता, श्रीनगर गढ़वाल : गढ़वाल का प्राचीन और ऐतिहासिक बैकुण्ठ चतुर्दशी मेला श्रीन
जागरण संवाददाता, श्रीनगर गढ़वाल : गढ़वाल का प्राचीन और ऐतिहासिक बैकुण्ठ चतुर्दशी मेला श्रीनगर में 21 नवंबर से शुरू होने जा रहा है। श्रीनगर नगरपालिका के आयोजन में सात दिनों तक यह मेला चलेगा। नगरपालिका बोर्ड नहीं होने से इस बार मेला जिलाधिकारी की देखरेख में होगा। मेला आयोजन के सफल संचालन को चार सदस्यीय संचालन समिति का भी गठन किया जाएगा। श्रीनगर नगरपालिका सभागार में बैकुण्ठ चतुर्दशी मेला आयोजन को लेकर प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. धन ¨सह रावत की ओर से बुलाई गई बैठक में यह निर्णय लिए गए। डॉ. धन ¨सह रावत ने कहा कि बैकुण्ठ चतुर्दशी मेला अवसर पर ही नमामि गंगे के तहत श्रीनगर में बने स्नान घाटों का उद्घाटन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत और केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी करेंगे। जौनसारी लोक संस्कृति के साथ ही पहाड़ के सीमांचलों की लोक संस्कृति से सम्बन्धित कार्यक्रम भी मेले के विशेष आकर्षण रहेंगे। जिलाधिकारी पौड़ी सुशील कुमार, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जगतराम जोशी, जल संस्थान, जलनिगम, लोनिवि के साथ ही अन्य विभागों के अधिकारियों और भाजपा के वरिष्ठ नेता अतर ¨सह असवाल, जितेंद्र रावत, अनूप बहुगुणा, विकास कुकरेती, हयात ¨सह ¨झक्वाण, गिरीश पैन्यूली, पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष मोहनलाल जैन सहित अन्य कई जनप्रतिनिधि भी इस बैठक में शामिल हुए।
बैकुण्ठ चतुर्दशी मेला आयोजन की तैयारियों के संदर्भ में डॉ. धन ¨सह रावत ने कहा कि मेले के पौराणिक स्वरूप को बनाए रखने पर इस बार ज्यादा जोर रहेगा। डांग, उफल्डा, श्रीकोट गंगानाली और एनआइटी परिसर में भी इस बार मेले से संबंधित कुछ कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि स्वच्छता अभियान के लिए 11 हजार लोग स्वच्छता की शपथ लेंगे। मेले में पूरा एक दिन खेलों के लिए और एक दिन धार्मिक कार्यक्रमों के लिए भी रहेगा। बैकुण्ठ चतुर्दशी पर्व को लेकर श्रीनगर के प्राचीन कमलेश्वर महादेव मंदिर को भी आकर्षक ढंग से सजाया जाएगा। नमामि गंगे और स्वच्छता को लेकर स्कूली बच्चों के लिए पें¨टग, क्विज, भाषण प्रतियोगिता भी आयोजित की जाएगी। डॉ. धन ¨सह रावत ने कहा कि बैकुण्ठ चतुर्दशी पर्व पर कमलेश्वर महादेव मंदिर में खड़ा दीया पूजन में भाग लेने वाले निसंतान दंपत्तियों से केवल 1100 रुपये लिए जाने पर भी विचार किया जा रहा है। इस आयोजन को लेकर जो अधिक खर्चा आएगा उसे मेला समिति वहन करेगी। इस संबंध में कमलेश्वर महादेव मंदिर के महंत से वार्ता की जाएगी उसके पश्चात निर्णय लिया जाएगा।