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व्यापारियों के विरोध से अतिक्रमण विरोधी अभियान स्थगित

व्यापारियों के तीव्र विरोध के कारण बुधवार को प्रशासन ने अतिक्रमण विरोधी अभियान स्थगित कर दिया।

By JagranEdited By: Published: Wed, 20 Jan 2021 09:50 PM (IST)Updated: Wed, 20 Jan 2021 09:50 PM (IST)
व्यापारियों के विरोध से अतिक्रमण विरोधी अभियान स्थगित
व्यापारियों के विरोध से अतिक्रमण विरोधी अभियान स्थगित

जागरण संवाददाता, श्रीनगर गढ़वाल : व्यापारियों के तीव्र विरोध के कारण बुधवार को प्रशासन ने अतिक्रमण विरोधी अभियान स्थगित कर दिया। उप जिलाधिकारी श्रीनगर रविद्र बिष्ट ने कहा कि 22 जनवरी को तहसील परिसर सभागार में व्यापारियों के साथ ही नगरपालिका के अधिकारियों की बैठक होगी। जिसमें दुकान के आगे की पटरियों को लेकर दोनों अपना-अपना पक्ष रखेंगे। जिस पर प्रशासन निर्णय लेगा। व्यापारियों का कहना था कि दुकान के आगे की पटरी पर सम्बन्धित दुकानदार का हक है। यह नगरपालिका के बायलॉज में भी है। नगरपालिका के अधिशासी अधिकारी राजेश नैथानी और अन्य पालिका अधिकारियों का कहना था कि पालिका के बायलॉज में पटरी का स्वामित्व नगरपालिका के पास है। इसी मुद्दे पर व्यापारियों द्वारा शुरू किए गए विरोध प्रदर्शन से अभियान को स्थगित कर एसडीएम ने इस मुद्दे पर 22 जनवरी को वार्ता करने का निर्णय लिया। जिसमें पालिका अधिकारियों के साथ ही पालिका के अधिकारी भी अपना पक्ष रखेंगे।

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बुधवार को उपजिलाधिकारी श्रीनगर के नेतृत्व में नगरपालिका की ओर से अतिक्रमण विरोधी अभियान चलाया गया। जिसमें गणेश बाजार की विभिन्न दुकानों के आगे की पटरियों पर से सामान हटाने और सामान जब्त करने के बाद अतिक्रमण विरोधी यह टीम वीरचंद्र सिंह गढ़वाली मार्ग बाजार पर पहुंची। जहां पर दुकान के आगे पटरी और सार्वजनिक नाली के ऊपर किए गए पक्के निर्माण को जब पालिका के कर्मी तोड़ने लगे तो व्यापारियों ने विरोध करना शुरू कर दिया। देखते-देखते ही माहौल गरमा गया। ओम अग्रवाल, शंकर मिश्रा, हिमांशु अग्रवाल, सुजीत अग्रवाल सहित अन्य वरिष्ठ व्यापारी भी मौके पर पहुंचे। उन्होंने उप जिलाधिकारी से वार्ता में कहा कि दुकान के आगे की पटरी पर दुकानदार का अधिकार होता है। पालिका के बायलॉज में भी यह उल्लेखित है। पालिका के अधिशासी अधिकारी ने इसका विरोध करते हुए कहा कि दुकान के आगे की पटरी का स्वामित्व पालिका के पास है। विवाद को देखते हुए उप जिलाधिकारी रविद्र बिष्ट ने इस मामले में 22 जनवरी को बैठक बुलाकर दोनों पक्षों से अपने-अपने तथ्य रखने को कहा है। जिस पर प्रशासन आगे की कार्रवाई को लेकर निर्णय लेगा। इस मौके पर व्यापारियों द्वारा विरोध में नारेबाजी भी की गई।


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