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प्रवासी गांव से जुड़े रहें बनानी होगी व्यवहारिक क ार्ययोजना

भारतीय हिमालयी राज्यों के केंद्रीय विवि के संगठन की चौथी ऑनलाइन बैठक में हिमालयी राज्यों के विकास को लेकर कार्ययोजना बनाने पर मंथन हुआ।

By JagranEdited By: Published: Fri, 29 May 2020 05:39 PM (IST)Updated: Sat, 30 May 2020 02:57 AM (IST)
प्रवासी गांव से जुड़े रहें बनानी होगी व्यवहारिक क  ार्ययोजना
प्रवासी गांव से जुड़े रहें बनानी होगी व्यवहारिक क ार्ययोजना

जागरण संवाददाता, श्रीनगर गढ़वाल : भारतीय हिमालयी राज्यों के केंद्रीय विश्वविद्यालयों के संगठन (आइएचसीयूसी) की चौथी ऑनलाइन बैठक में हिमालयी राज्यों के विकास को लेकर कार्ययोजना बनाने पर मंथन हुआ। भारत सरकार के नीति आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. राजीव कुमार की अध्यक्षता में हुई इस ऑनलाइन बैठक में हिमालयी राज्यों के 13 केंद्रीय विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के साथ ही गठित किए गए विभिन्न अध्ययन ग्रुपों के संयोजक भी शामिल हुए।

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आइएचसीयूसी की कोआर्डिनेटर और गढ़वाल केंद्रीय विवि की कुलपति प्रो. अन्नपूर्णा नौटियाल ने कहा कि कोविड-19 के कारण बदलते दौर में हमें संपूर्ण हिमालयी राज्यों के विकास को सही दिशा देने में प्रवासियों की स्थिति को भी केंद्र में रखना होगा। कहा कि बहुत बड़ी संख्या में प्रवासी लगातार वापस पहाड़ में पहुंच रहे हैं। पहाड़ के विकास की ऐसी कार्ययोजना बनानी है जिससे यह रिवर्स माइग्रेशन भी रुके और प्रवासी अब गांव से ही जुड़े रहें। इसके लिए हमें एक व्यवहारिक कार्ययोजना भी बनानी होगी। पहाड़ में इको टूरिज्म को बढ़ावा देने के साथ ही जल संरक्षण पर हमें कार्य रिपोर्ट बनानी है। जिसमें जीआइएस तकनीक से मैपिग भी की जाए। देश के संपूर्ण हिमालयी क्षेत्र के संपूर्ण विकास को लेकर एक समान नीति भी बनानी है। सभी अध्ययन समूह अपनी कार्य रिपोर्ट शीघ्र दें जिसे सात जून तक हमें नीति आयोग को भी देना है।

नीति आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. राजीव कुमार ने सभी अध्ययन समूहों से छह महीने के अंदर कार्य पूरा कर लेने का अनुरोध किया। कहा कि अगली बैठक में वह अपनी प्रगति आख्या भी प्रस्तुत करें। नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके सारस्वत ने अध्ययन समूहों से आर्थिक विश्लेषण पर भी जोर देने को कहा।

नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ कांत ने कहा कि आइएचसीयूसी का गठन देश में पहली पहल भी है। जिसमें हिमालयी क्षेत्र के विकास को लेकर उच्च शिक्षण संस्थानों की सीधी प्रभावी भूमिका होगी।

जम्मू विवि के कुलपति प्रो. अशोक आइमा, कश्मीर केंद्रीय विवि के कुलपति प्रो. मेहरूजुद्दीन मीर, सिक्किम केंद्रीय विवि के कुलपति प्रो. अविनाश खरे, नॉर्थ ईस्ट हिमालयन विवि मेहू के कुलपति प्रो. एसके श्रीवास्तव, मणिपुर विवि के कुलपति सरदार जरनैल सिंह, केंद्रीय विवि तेजपुर के कुलपति प्रो. वीके जैन, केंद्रीय विवि नागालैंड के कुलपति प्रो. पी लाल, केंद्रीय विवि असम के कुलपति प्रो. डीसी नाथ, त्रिपुरा विवि के कुलपति प्रो. एनके सिंह ने भी इस ऑनलाइन बैठक में प्रतिभाग किया।


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