बरसात आई, पीलिया लाई
जागरण संवाददाता, कोटद्वार: बरसात के इस मौसम में दूषित पेयजल आपूर्ति के चलते इन दिनों क्षेत्र में लोग पीलिया के चपेट में हैं।
इन दिनों क्षेत्र से चिकित्सालय में पहुंचने वाले मरीजों में से प्रतिदिन दस से बारह मरीज ऐसे हैं, जो पीलिया से ग्रस्त हैं। बरसात के मौसम में दूषित पानी के सेवन से होने वाली इस बीमारी के उपचार को कई झोला छाप डाक्टरों के साथ ही झाड़-फूंक वाले भी अपनी दुकानें सजाए बैठे हैं, लेकिन पीलिया की शिकायत पर झोला छाप डॉक्टरों व झाड़फूंक वालों से बचते हुए तत्काल ही विशेषज्ञों चिकित्सकों की राय लें।
क्षेत्र में पानी की स्थिति
कोटद्वार व आसपास के क्षेत्रों में करीब अस्सी फीसदी इलाकों में नलकूपों का पानी ओवर हैड टैंक में एकत्र कर पेयजल आपूर्ति होती है। शायद ही कोई ऐसा दिन हो जब विभाग की ओर इन ओवरहैड टैंकों में ब्लीचिंग पाउडर अथवा क्लोरीन को गोलियां डाली जाती हों। नतीजा, घरों में दूषित पेयजल की आपूर्ति।
क्या हैं पीलिया के लक्षण
1. रोगी को बुखार रहना
2. भूख न लगाना
3. उल्टी की शिकायत अथवा उल्टी होना
4. सिरदर्द
5. आंख व नाखून का रंग पीला होना
6. मूत्र का रंग पीला होना
7. अत्यधिक कमजोरी और थका-थका सा लगना
क्या है बचाव
1. पीलिया के लक्षण नजर आने पर तत्काल विशेषज्ञ चिकित्सक की राय लें
2. बिस्तर पर आराम करना चाहिए व घूमना-फिरना नहीं चाहिए।
3. नींबू, संतरे और अन्य फलों के रसों का सेवन करें।
4. वसा युक्त गरिष्ठ भोजन से परहेज करें।
5. हल्का भोजन लेने के साथ ही चीकू, पपीता, छांच, मूली का अधिकाधिक सेवन करें।
6. खाना बनाने, परोसने, खाना खाने से पहले व बाद में हाथों को अच्छी तरह से धोएं।
7. बासी भोजन से परहेज करें व पानी उबालने के बाद ठंडा कर पीएं।
8. बाजार के कटे फलों व खुली मिठाइयों का सेवन कतई न करें।
'पीलिया जानलेवा नहीं, बशर्ते मरीज को समय रहते सही उपचार मिल जाए। प्रत्येक व्यक्ति पानी को उबालने के बाद ठंडा कर ही उसका सेवन करे।' ..डॉ.एमके सैनी, फिजीशियन, राजकीय संयुक्त चिकित्सालय, कोटद्वार
'कर्मचारियों को पानी में ब्लीचिंग डालने के लिए कड़े निर्देश दिए गए हैं। यदि पानी में ब्लीचिंग पाउडर नहीं मिलाया जा रहा है तो उसके कारणों की जांच कर कार्रवाई की जाएगी।' ..एसएस मेवाड़, अधिशासी अभियंता, कोटद्वार
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