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अब राजाजी के बफर जोन से बाहर होंगे गुर्जरों के 400 परिवार

लैंसडौन वन प्रभाग की कोटद्वार व लालढांग रेंज से वन गुर्जरों को हटाने की कवायद होने लगी है। यह दोनों रेंज राजाजी टाइगर रिजर्व के बफर जोन में शामिल हैं।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Tue, 25 Sep 2018 02:05 PM (IST)Updated: Tue, 25 Sep 2018 02:05 PM (IST)
अब राजाजी के बफर जोन से बाहर होंगे गुर्जरों के 400 परिवार
अब राजाजी के बफर जोन से बाहर होंगे गुर्जरों के 400 परिवार

कोटद्वार, [अजय खंतवाल]: राजाजी टाइगर रिजर्व के बफर जोन में डेरा डाले वन गुर्जरों को वनों से हटाए जाने संबंधी उच्च न्यायालय के आदेश के बाद लैंसडौन वन प्रभाग की कोटद्वार व लालढांग रेंज से वन गुर्जरों को हटाने की कवायद होने लगी है। यह दोनों रेंज राजाजी टाइगर रिजर्व के बफर जोन में शामिल हैं। वर्तमान में दोनों रेंज में वन गुर्जरों के 400 से अधिक परिवार रह रहे हैं। 

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कॉर्बेट व राजाजी टाइगर रिजर्व के मध्य 43327.6 हेक्टेयर में फैले लैंसडौन वन प्रभाग में 41551.70 हेक्टेयर आरक्षित, 1225.6 हेक्टेयर खाम और 550.3 हेक्टेयर सिविल वन क्षेत्र है। इसमें से आरक्षित वन क्षेत्र की चार रेंजों में प्रभाग की ओर से 79 परमिट जारी किए गए। परमिटधारी ये वन गुर्जर यहां 5224.3 हेक्टेयर क्षेत्र में अपने मवेशियों को चारा चुगाते हैं। प्रभाग के जंगलों में वन गुर्जरों की बसागत वर्षों से है, लेकिन उच्च न्यायालय के आदेश के बाद अब वन प्रभाग इन्हें जंगल से बाहर करने की तैयारी में है। 

विदित हो कि उच्च न्यायालय ने इसी माह पार्क क्षेत्र के बफर जोन में रह रहे वन गुर्जरों को हटाने के निर्देश वन महकमे को दिए हैं। इसके बाद लैंसडौन वन प्रभाग ने राजाजी टाइगर रिजर्व के बफर जोन में पडऩे वाली कोटद्वार व लालढांग रेंज में बसे वन गुर्जरों को डेरों की रिपोर्ट तैयार करनी शुरू कर दी है। माना जा रहा कि जल्द ही इन्हें वन क्षेत्र छोड़ने के लिए नोटिस जारी किए जाएंगे। 

कोटड़ी व दुगड्डा रेंज में भी गिर सकती है गाज 

वर्तमान में भले ही सिर्फ लालढांग व कोटद्वार रेंज में रह रहे वन गुर्जरों को हटाने के निर्देश हुए हों, लेकिन निकट भविष्य में यही स्थिति कोटड़ी व दुगड्डा रेंज में रह रहे वन गुर्जरों की भी हो सकती है। दरअसल, एनटीसीए (राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण) की ओर से पूर्व में प्रभाग की कोटड़ी व दुगड्डा रेंज को कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के बफर जोन में शामिल किए जाने का प्रस्ताव उत्तराखंड वन महकमे को दिया जा चुका है। लेकिन, प्रदेश सरकार की ओर से अब तक इस पर कोई कार्रवार्इ नहीं की गई। ऐसे में यदि एनटीसीए सख्त रवैया अपनाता है तो कोटड़ी व दुगड्डा रेंज का सीटीआर के बफर जोन में शामिल होना तय है। इस स्थिति में गुर्जर परिवारों को यहां भी जंगल छोडऩा पड़ेगा। विदित हो कि वर्तमान में कोटद्वार रेंज के जंगलों में वन गुर्जरों के 79 परिवार व लालढांग रेंज में करीब 350 परिवारों की बसागत है। 

प्रभाग में वन गुर्जरों की स्थिति 

रेंज,     परमिट 

कोटद्वार, 09 

दुगड्डा,   09 

लालढांग,  37 

कोटड़ी,    24 

प्रभागीय वनाधिकारी वीके सिंह ने बताया कि लालढांग व कोटद्वार रेंज के जंगलों में रह रहे वन गुर्जरों की रिपोर्ट मांगी गई है। रिपोर्ट मिलने के बाद उन्हें नोटिस जारी किए जाएंगे।

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