सूखे हलक, कैसे सीखें ककहरा
रोहित लखेड़ा कोटद्वार प्रदेश सरकार भले ही सरकारी विद्यालयों में बेहतर शिक्षा देने का ि
रोहित लखेड़ा, कोटद्वार
प्रदेश सरकार भले ही सरकारी विद्यालयों में बेहतर शिक्षा देने का ढिढोरा पीट रही हो, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ ओर ही बयां कर रही है। स्थिति यह है जिले के 164 स्कूलों के बच्चों का अधिकांश समय विद्यालय में पानी की व्यवस्था करने में गुजर रहा है। हैरानी की बात तो यह है कि शिक्षा महकमा इन विद्यालयों में पेयजल व्यवस्था सुचारू करने के लिए कोई प्रबंध नहीं कर रहा।
पौड़ी जनपद में 1600 से अधिक सरकारी विद्यालय संचालित हैं। इनमें से 164 विद्यालय ऐसे हैं, जहां अब तक पेयजल की कोई व्यवस्था नहीं की गई है। अधिकांश विद्यालयों में पिछले कई सालों से पेयजल लाइनें क्षतिग्रस्त पड़ी हुई है। बावजूद इसके इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा। स्कूलों में बनी पानी की टंकियां केवल शोपीस बन रह गई है। नतीजा गर्मी के मौसम में छात्रों का पूरा समय पानी की तलाश में बीत रहा है। बच्चों को घर या फिर नजदीकी स्त्रोतों से पानी की व्यवस्था करनी पड़ रही है। सूख रहे प्राकृतिक स्त्रोत
गर्मी का मौसम शुरू होते ही कई विद्यालयों के आसपास बने प्राकृतिक स्त्रोत सूख जाते हैं। ऐसे में छात्र व अध्यापकों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। हालांकि छात्र स्कूल आते समय बोतल में पानी लेकर आते हैं, लेकिन यह पानी भी पूरे दिन नहीं चल पाता। नहीं बन पाता मिड-डे मिल
पेयजल व्यवस्था न होने के कारण इन विद्यालयों में मिड-डे मील बनाने में तमाम परेशानियां सामने आ रही हैं। हालात यह हैं कि भोजन माताओं को मिड-डे मील की व्यवस्था के लिए कई किलोमीटर दूर प्राकृतिक स्त्रोतों के चक्कर काटने पड़ते हैं। नतीजा छात्र सरकारी की ओर से चलाई जा रही इस योजना का भी लाभ नहीं उठा पा रहे। विद्यालय, जहां नहीं है पानी की व्यवस्था
प्रखंड प्रावि राउमावि राइंका
पाबौ 09 01 04
एकेश्वर 01 - -
बीरोंखाल 16 - -
नैनीडांडा 07 02 03
रिखणीखाल 05 - -
थलीसैंण 10 05 05
जयहरीखाल 05 - -
दुगड्डा 21 02 -
कल्जीखाल 09 - -
यमकेश्वर 08 02 -
पोखड़ा 04 01 -
खिर्सू 01 02 -
कोट 03 02 -
द्वारीखाल 23 07 -
पौड़ी 01 01 -
जिन विद्यालयों में पेयजल व्यवस्था नहीं है, उनकी सूची बनाकर जलसंस्थान को दी गई है। जलसंस्थान को बजट भी दिया जाना है, जिसकी व्यवस्था होते ही योजना पर कार्य शुरू कर दिया जाएगा।
कुंवर सिंह रावत, जिला शिक्षा अधिकारी (बेसिक), पौड़ी