पहली बार बने मुखिया, अब बदलेंगे गांव की तस्वीर, जानें इन युवाओं के बारे में nainital news
पंचायत चुनाव में पहली बार किस्मत आजमाकर जीत दर्ज करने वाले युवाओं का दावा है कि वे गांव की तस्वीर बदलेंगे। सबको साथ लेकर गांव की समस्याओं का समाधान करेंगे।
हल्द्वानी, जेएनएन : पंचायत चुनाव में पहली बार किस्मत आजमाकर जीत दर्ज करने वाले युवाओं का दावा है कि वे गांव की तस्वीर बदलेंगे। सबको साथ लेकर गांव की समस्याओं का समाधान करेंगे। ग्रेजुएशन पूरा करने के बाद इनमें से कई प्राइवेट नौकरी भी कर रहे थे, मगर अब गांव की सियासी जमीन पर काम करेंगे। पंचायत चुनाव में जीत मिलने पर इनका हौसला भी दोगुना हो चुका है।
रागिनी आर्य
पनियाली ग्रामसभा की प्रधान बनीं रागिनी आर्य सबसे कम उम्र (21 वर्ष एक माह) में जीत हासिल करने वाली प्रत्याशी हैं। वह एमबीपीजी से बीए की पढ़ाई पूरी कर चुकी हैं। साइकोलॉजी की छात्रा रहीं रागिनी ने वोटरों की मनोदशा को खूब भांपा। उनके पिता हरीश पूर्व में जिला पंचायत सदस्य रह चुके हैं। रागिनी के मुताबिक पंचायत का मतलब ही एकजुटता है।
मनीष आर्य
बजूनिया हल्दू कठघरिया से ग्राम प्रधान बने मनीष आर्य (25) एमए प्रथम वर्ष के छात्र हैं। निजी कार शोरूम में नौकरी करने वाले मनीष ने 277 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की है। उन्होंने कहा कि ग्रामीणों के विश्वास व उम्मीद पर खरा उतरने का पूरा प्रयास करूंगा।
पंकज बोरा
वकालत की पढ़ाई कर रहे पंकज सिंह बोरा (27) ने ओखलकांडा ब्लॉक के कचलकोट सुनकोट क्षेत्र से बीडीसी सदस्य का चुनाव जीता है। पंकज ने पूर्व भाजयुमो जिलाध्यक्ष चतुर सिंह बोरा को मात दी। उनके लिए युवाओं की ही पूरी टीम चुनाव में लगी थी।
मनोज रावत
28 साल के मनोज रावत देवलामल्ला नवाड़खेड़ा सीट पर 172 वोटों बीडीसी सदस्य निर्वाचित हुए हैं। मनीष ने कहा कि सरकारी योजनाओं के अलावा वह अपने स्तर से भी गांव में काम कराएंगे। विरोधी व समर्थक सभी को एक नजर से देखूंगा।
कैलाश नेगी
ग्रामसभा कटना (बेड़चूला) से कैलाश सिंह नेगी (28) ने सभी को चौंकाते हुए प्रधान पद पर कब्जा जमाया है। सामाजिक कार्यकर्ता के तौर पर पहचान बनाने के बाद ग्रामीणों के कहने पर ही कैलाश ने नामांकन कराया था।