सदन के विकास में मददगार बनेगा युवाओं का जोश, बुजुर्गों का तजुर्बा
शहर की सदन में इस बार युवा जोश और बुजुर्गों का तजुर्बे का घालमेल देखने को मिलेगा। युवाओं के जोश से सदन को गर्माहट मिलेगी तो पुराना अनुभव भविष्य में शहर के विकास के लिए बेहतर रूपरेखा तय करने में मददगार साबित होगा।
गणेश पांडे, हल्द्वानी : शहर की सदन में इस बार युवा जोश और बुजुर्गों का तजुर्बे का घालमेल देखने को मिलेगा। युवाओं के जोश से सदन को गर्माहट मिलेगी तो पुराना अनुभव भविष्य में शहर के विकास के लिए बेहतर रूपरेखा तय करने में मददगार साबित होगा। महिलाओं की भी अच्छी खासी भागीदारी रहेगी। सदन की संपूर्णता के लिहाज से इसे बेहतर कहा जा सकता है।
पार्षद सीट पर विजयी करीब 45 प्रत्याशी पहली बार सदन में पहुंचे हैं। हालांकि कुछ प्रत्याशी दूसरे प्रयास में सदन में पहुंचे हैं। इस बार के सदन का खास पहलू यह है कि पार्षद पद पर जीतकर आए आठ प्रत्याशी 30 वर्ष से कम आयु के हैं। इसमें महिलाओं की भी भागीदारी है। वहीं, 31 से 40 आयु वर्ग के 17 सदस्य बोर्ड का हिस्सा होंगे। 41 से साठ आयु वर्ग के 35 मेंबर बोर्ड का हिस्सा रहेंगे। विभिन्न वैरायटी वाले सदन से शहर को बेहतर विकास और तरक्की की उम्मीद रहेगी।
विकास के लिए युवा जोश जरूरी : महबूब
वार्ड 23 से पहली बार भाग्य आजमा रहे 25 वर्षीय महबूब आलम ने पहली दाव में चार बार की सभासद प्रत्याशी शाहजहां बेगम को शिकस्त दे दी। तीन सौ से अधिक मतों से जीत हासिल करने वाले महबूब ने कहा युवाओं को राजनीति का हिस्सा बनाना चाहिए। विकास व तरक्की के लिए नई सोच और युवा जोश जरूरी है।
वार्ड की तस्वीर बदलना चाहती हूं : तरन्नुम
बनभूलपुरा लाइन नंबर 8 से 13 (वार्ड 22) से जीत का परचम लहराने वाली तरन्नुम 24 साल की हैं। तरन्नुम ने कहा वह अपने वार्ड की तस्वीर बदलती चाहती हैं। विकास के नाम पर उन्होंने लोगों से सहयोग मांगा, अब लोगों के विश्वास पर खरा उतरना उनकी प्राथमिकता रहेगी। उन्होंने अपने प्रतिद्वंद्वी को दोहरे अंतर से हराया।
लोगों के भरोसे पर खरा उतरूंगी : दीपा
आवास विकास वार्ड से जीत दर्ज करने वाले निर्दलीय दीपा बिष्ट काफी उत्साहित हैं। उन्होंने कहा लोगों ने विकास की आस में मतदान किया है। जनता की अपेक्षाओं पर खरा उतरना उनकी प्राथमिकता रहेगी।
निकाय चुनाव में भी चला मोदी फैक्टर
भले ही स्थानीय निकाय थे, लेकिन इसमें भी मोदी फैक्टर काम आया। खुद भाजपा नेताओं व प्रत्याशी ने तमाम सभाओं में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथ मजबूत करने की बात कही थी। यहां तक नारा दिया गया कि केंद्र में नरेंद्र, राज्य में त्रिवेंद्र व शहर में जोगेंद्र की सरकार होगी, तो विकास का पहिया दौड़ेगा।
जोगेंद्र ने दोहराई जीत, हासिल की कामयाबी
शांत स्वभाव व मृदुभाषी डॉ. जोगेंद्र रौतेला एक बार फिर महापौर बनने में सफल हो गए हैं। 18 दिसंबर, 1971 को जन्मे डॉ. रौतेला एमबीपीजी कॉलेज में रसायन परिषद के अध्यक्ष रहे। 1992-1993 तक पहली बार नगर पालिका के सदस्य रहे। तीन बाद सभासद पर पर विजयी रहे। भाजपा में कई पदों पर रहने के साथ नगर निगम के पहले मेयर भी बने। दूसरी बार पार्टी ने उन पर विश्वास जताया। स्वर्गीय मेजर बीएस रौतेला के बेटे रौतेला हमेशा सामाजिक कार्यों में सक्रिय रहे हैं। घर पर माता रेवती देवी, पत्नी पूजा रौतेला व एक बेटी हैं।
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