प्रशासनिक अफसर बनने का था सपना, अब सच कर दिखाया
मेहनत ने नैनीताल के योगेश सिंह को डिप्टी कलेक्टर के ओहदे तक पहुंचा दिया। रानीखेत के जैनोली निवासी पूर्व सैनिक बीएस मेहरा के बेटे योगेश ने पढ़ने के लिए अपना गांव छोड़ दिया।
नैनीताल, [जेएनएन]: मेहनत और लगन ने नैनीताल के योगेश सिंह को डिप्टी कलेक्टर के ओहदे तक पहुंचा दिया। मूल रूप से रानीखेत के जैनोली निवासी पूर्व सैनिक बीएस मेहरा के बेटे योगेश ने पढ़ने के लिए अपना गांव छोड़ दिया। उन्होंने नैनीताल के शहीद स्मारक विद्या पीठ में क्लर्क ध्यान सिंह मेहरा के पास आ गए।
नैनीताल में प्रशासनिक अफसरों की मेहनत और लगन को देखा तो योगेश ने मन में अफसर बनने की ठान ली। एमबीपीजी कॉलेज से पीजी के बाद उन्होंने प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी शुरू कर दी, वह दो बार यूपीएससी के मेन एग्जाम तक पहुंचे। राजस्थान पीसीएस परीक्षा भी पास की, लेकिन माटी का मोह नही छोड़ पाये।
2012 में वह नायब तहसीलदार बने और केदारनाथ में आपदा के दौरान ड्यूटी दी। इसके बाद 2014 की पीसीएस परीक्षा पास कर उप शिक्षाधिकारी गंगोलीहाट के पद पर तैनाती मिली और पिछले दो साल से वहीं हैं।
इस बार योगेश मेहरा ने डिप्टी कलेक्टर में आठवीं रेंक हासिल कर प्रशासनिक अफसर बनने का सपना सच कर दिखाया। योगेश कहते हैं कि सिविल सेवा की तैयारी में ऐसा मौका हर किसी के साथ आता है, जब घर परिवार के साथ ही दोस्त भी साथ छोड़ने लगते हैं। ऐसे में खुद का साथ नहीं छोड़ना चाहिए।
वहीं डीएसबी नैनीताल में इतिहास विभाग में संविदा प्राध्यापक डॉ. निर्मल बसेड़ा ने भी पीसीएस परीक्षा पास की है और निर्मल जिला बाल विकास परियोजना अधिकारी बने हैं।
यह भी पढ़ें: अल्मोड़ा की सौम्या गुरुरानी बनी पीसीएस 2012 की टॉपर
यह भी पढ़ें: 27 अगस्त को होगी यूएपीएमटी की प्रवेश परीक्षा
यह भी पढ़ें: दुर्गम क्षेत्र में देवदूत बनकर बीमारों की सेवा कर रहे प्रेम