World Heart Day 2022 : शुद्ध जलवायु और पौष्टिक खानपान वाले पहाड़ के लोग भी हार्ट अटैक के हो रहे शिकार
World Heart Day 2022 पौष्टिक खान पान शुद्ध जलवायु और भौगोलिक परिस्थितियों के कारण श्रम साध्य जीवन जीने वाले उत्तराखंड के लोग भी दिल संबंधी बीमारियों का शिकार हो रहे हैं। पिथौरागढ़ जिला अस्पताल में रोजाना करीब 20 मरीज इलाज के लिए पहुंच रहे हैं।
रमेश गड़कोटी, पिथौरागढ : World Heart Day 2022 : पहाड़ की शुद्ध जलवायु, पौष्टिक भोजन और भौगोलिक स्थिति के कारण स्वत: श्रम...बेहतर सेहत के लिए आखिर और क्या चाहिए। लेकिन हाल के दिनों में पहाड़ियों का दिल भी तनाव, बदली जीवनशैली, शारीरिक श्रम की कमी, नशे की लत, बढ़ते मांसाहार, उच्च रक्तचाप एवं मधुमेह के कारण दगा देने लगा है।
यह स्थिति चिंतनीय है। जिला चिकित्सालय में हाइपरटेंशन के रोजाना 20 से 25 मरीज पहुंच रहे हैं। इतनी ही तादात शुगर के मरीजों की भी है। ये दोनों ही बीमारियां हृदय रोग की बड़ी वजह हैं। लेकिन पूरे जिले में आज तक हृदय रोग विशेषज्ञ की तैनाती ही नहीं हो सकी है।
सात वर्ष पूर्व एक डिप्लोमाधारी चिकित्सक हृदय रोग के मामलों को देख रहे थे। उनकी सेवानिवृत्ति के बाद से अस्पताल में फिजिशियन ही प्रारंभिक जांच कर रहे हैं। ऐसे में रोगियों को बरेली व दिल्ली ही भागना पड़ रहा है। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़े के अनुसार जिला अस्पताल पहुंचने वाले करीब 65 प्रतिशत मरीजों में हृदय रोग के शुरुआती लक्षण पाए गए हैं।
रोगियों की संख्या चिंताजनक
जिला चिकित्सालय के पूर्व पीएमएस डा. केसी भट्ट बताते हैं कि दो दशक पहले सीमांत में हृदय रोगियों की संख्या बहुत कम थी। लेकिन अब यहां इनकी बढ़ती संख्या चिंताजनक है। अधिकतर मरीज हालत गंभीर होने पर ही अस्पताल पहुंचते हैं। पिछले दस वर्षों में जीवनशैली में खासा बदलाव आया है।
गांव-गांव तक वाहन पहुंचने से लोगों ने पैदल चलना छोड़ दिया है। पहाड़ का मोटा अनाज मडुवा, बाजरा, हरीपत्तेदार सब्जियां भी थाली से नदारद हो गईं हैं। स्कूलों में खेलकूद पर ध्यान कम है। शहरों में खेल मैदान बेहद कम हैं। अधिकांश बच्चे घरों से बाहर ही नहीं निकलते। आने वाले समय में फास्ट फूड का सेवन करने वाले ये बच्चे हृदय रोग के आसान टारगेट हो सकते हैं।
ब्लड प्रेशर की समस्या तेजी से बढ़ी
जिला चिकित्सालय के फिजिशियन डा. एसएस कुंवर बताते हैं कि पहाड़ में ब्लड प्रेशर और तनाव की समस्या तेजी से बढ़ रही है। ऐसे में 40 की उम्र के बाद नियमित तौर पर ब्लड प्रेशर और शुगर की जांच करानी चाहिए। खासकर उन लोगों को जो शारीरिक श्रम नहीं करते। छोटे बच्चों को खेलकूद में अनिर्वाय रूप से प्रतिभाग कराया जाना बेहद जरूरी है।
जुगाड़ से जांच
जिले में इकोकार्डियोग्राफी और एंजियोग्राफी की सुविधा ही नहीं है। जिला अस्पताल में दिल के रोग के शुरुआती लक्षण जानने का प्रयास रक्तचाप, मधुमेह व अन्य पैथोलाजी जांच से किया जाता है।
30 वर्ष के युवा भी निशाने पर
स्वास्थ्य विभाग के आंकड़े के अनुसार अब 50 वर्ष से अधिक लोग ही नहीं, 30 साल के नौजवान भी हृदय रोग की चपेट में आ रहे हैं। सीमांत में अभी हाल में ही ऐसे दो मामलों ने एम्स तक के डाक्टरों को चौंका दिया था।
टेलीमेडिसिन से उम्मीद
केंद्र सरकार की ई-संजीवनी ऐप की मदद से टेलीमेडिसिन सेवा का लाभ ले सकते हैं। इसके माध्यम से मरीज अब घर बैठे ही डाक्टर की सलाह ले सकेंगे। इसके लिए उन्हें अपने मोबाइल फोन पर ई-संजीवनी ऐप डाउनलोड करना होगा, जिसके बाद वीडियो काल और चैट के माध्यम से मरीज डाक्टर से उपचार करा सकते हैं। इससे सीमांत को बड़ा लाभ मिल सकता है।
हृदय रोग के प्रमुख कारण
- अनियमित खानपान
- व्यायाम की कमी
- अत्यधिक तनाव
- मधुमेह
- उच्च कोलेस्ट्राल
- धूमपान व मद्यपान
ऐसे मजबूत होगा दिल
- नियमित व्यायाम करें
- ताजा फल-हरी सब्जियां खाएं
- फाइबर व मोटा अनाज खाएं
- शराब व धूमपान छोड़ें
- योग और प्राणायाम करें
- जीवनशैली व्यवस्थित करें
- अधिक तनाव लेने से बचें
(जैसा कि डा. जेएस नबियाल ने बताया)
विशेषज्ञ की तैनाती को शासन को भेजा है पत्र
प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक, पिथौरागढ़ डा.जेएस नबियाल ने बताया कि पिथौरागढ़ जनपद में एक भी हृदय रोग विशेषज्ञ नहीं हैं। रोगियों की संख्या बढ़ रही है। जिला चिकित्सालय में हृदय रोगों की कुछ प्रारंभिक जांच की व्यवस्था है। रोगियों को फिलहाल उपचार के लिए बाहर जाना पड़ रहा है। हृदय रोग विशेषज्ञ की तैनाती के लिए शासन को पत्र भेजा गया है।