World Book Day 2021 : उद्देश्यहीन जीवन को दिशा देती हैं पुस्तकें, पढ़ने की संस्कृति विषय पर विद्धानों ने किया मंथन
World Book Day 2021 एससीइआरटी देहरादून से अपर निदेशक अजय कुमार नौड़ियाल मुख्य अतिथि के रूप में सम्मिलित हुए। उन्होंने कहा कि पुस्तकें हमारी मार्गदर्शक के रूप में हमेशा हमारे साथ रहती हैं। ज्ञान के सृजन और संकलन की निधि पुस्तकें ही होती हैं।
जागरण संवाददाता, बागेश्वर : World Book Day 2021 : जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान में पुस्तक दिवस के अवसर पर पढ़ने की संस्कृति विषय पर आनलाइन संगोष्ठी आयोजित की गई। वर्तमान परिदृश्य में पढ़ने को कैसे सार्थक और उद्देश्य घटक बनाया जाए इस पर विस्तार से मंथन किया गया।
वेबिनार में एससीइआरटी देहरादून से अपर निदेशक अजय कुमार नौड़ियाल मुख्य अतिथि के रूप में सम्मिलित हुए। उन्होंने कहा कि पुस्तकें हमारी मार्गदर्शक के रूप में हमेशा हमारे साथ रहती हैं। ज्ञान के सृजन और संकलन की निधि पुस्तकें ही होती हैं। विश्व पुस्तक दिवस पर नई पीढ़ी को पुस्तकों की तरफ मोड़ने का संकल्प लेना चाहिए। डायट के प्राचार्य डा. शैलेंद्र धपोला ने कहा कि पढ़ने की संस्कृति समाज एवं व्यक्ति की सामाजिक आवश्यकता है। कार्यक्रम का संचालन करते हुए उत्कृष्टता केंद्र के समनव्यक डा. केएस रावत ने वेबिनार का परिचय और उद्देश्य प्रस्तुत किया।
मुख्य वक्ता महेश पुनेठा ने कहा कि ज्ञान एवं तथ्यों का संग्रहण पुस्तकों में होता है। पुस्तकों से मित्रता व्यक्ति के जीवन की सार्थकता को सिद्ध करता है। पुस्तकें उद्देश्यहीन जीवन को भी महानता की ओर मोड़ देती है। मनोहर चमोली ने पढ़ने की संस्कृति के विविध आयामों पर विमर्श किया। पढ़ने के लिए रोचक और सार्थक पुस्तकों के सृजन की आवश्यकता है। राज्य में पत्रिका और पुस्तकें के माध्यम से विद्यालयों में पढ़ने को रूचिपूर्ण बनाया जा सकता है। इस दौरान डा. राजीव जोशी, मुख्य शिक्षाधिकारी पदमेंद्र सकलानी, आकाश सारस्वत, विजय विशाल, जगमोहन कठैत, कमलेश अटवाल, डा. सीएस जोशी, डा. पीएस मावड़ी, डा. संजय गुरुरानी, शीला पुनेठा, डा. दया सागर, डा. मनोज चौहान, केपी चंदोला, संदीप जोशी, रवि मिश्रा, डा. केवलानंद कांडपाल, डा. नीलेश उपाध्याय, संजय पूना आदि मौजूद थे।
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