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विश्व बैंक सुधारेगा पंत विवि की शैक्षिक गुणवत्ता, छात्र ले सकेंगे विदेशी प्रोफसरों की क्‍लास

जीबी पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के छात्र विदेशी शिक्षकों की कक्षाएं ऑनलाइन अटेंड करेंगे। इसके लिए वर्चुअल क्लासरूम तैयार होगा।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Sat, 14 Sep 2019 08:50 AM (IST)Updated: Sat, 14 Sep 2019 08:50 AM (IST)
विश्व बैंक सुधारेगा पंत विवि की शैक्षिक गुणवत्ता, छात्र ले सकेंगे विदेशी प्रोफसरों की क्‍लास
विश्व बैंक सुधारेगा पंत विवि की शैक्षिक गुणवत्ता, छात्र ले सकेंगे विदेशी प्रोफसरों की क्‍लास

रुद्रपुर, अरविंद कुमार सिंह : जीबी पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के छात्र विदेशी शिक्षकों की कक्षाएं ऑनलाइन अटेंड करेंगे। इसके लिए वर्चुअल क्लासरूम तैयार होगा। शैक्षिक गुणवत्ता सुधारने के लिए शिक्षकों व छात्रों की टीम कृषि से जुड़ेे उच्च संस्थानों में तीन-तीन माह का प्रशिक्षण भी लेगी। इसके लिए विश्व बैंक से 25 करोड़ रुपये मिले हैं।

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एशिया के जाने माने कृषि विश्वविद्यालयों में पंडित गोङ्क्षवद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विवि पंतनगर का नाम शुमार है। यहां की शैक्षणिक गुणवत्ता बेहतर करने के लिए लगातार प्रयास हो रहा है। इसी क्रम मेें राष्ट्रीय कृषि उच्च शिक्षा योजना में विश्व बैंक से 25 करोड़ रुपये मिले हैं। यह बजट भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के माध्यम से मिला है। इस धन से बनने वाले वर्चुअल क्लासरूम में छात्र ऑनलाइन विदेशी विशेषज्ञों की कक्षाओं को अटेंड कर सकेंगे। इससे देश व दुनिया में कृषि के क्षेत्र में हो रहे नए शोधों की भी जानकारी मिल सकेगी। कृषि से जुड़े उद्यमी व विशेषज्ञ भी छात्रों के साथ अपने अनुभवों को साझा करेंगे।  

भाषा संवर्धन लैब भी बनेगी 

पंत विवि में भाषा संवर्धन लैब भी बनेगी। उसमें स्नातक छात्रों को फ्रांस, जर्मन व अंग्रेजी भाषा का एक-एक माह का कोर्स कराया जाएगा। प्रशिक्षण के लिए बाहर से भाषा विशेषज्ञों को भी बुलाया जाएगा।

शिक्षा की गुणवत्‍ता सुधारने के लिए मिले 25 करोड़ 

डॉ. शिवेंद्र कश्यप, परियोजना अधिकारी व विभागाध्यक्ष कृषि संचार पंत विवि  ने बताया कि विश्व बैंक पोषित परियोजना से पंत विवि के कृषि स्नातक की शिक्षा की गुणवत्ता बेहतर करने के लिए 25 करोड़ रुपये मिले हैं। इसमें स्नातक की कक्षाओं का नवीनीकरण, वर्चुअल क्लासरूम व भाषा संवर्धन लैब बनाई जाएगी। इसके साथ ही चयनित शिक्षकों व छात्रों को तीन-तीन माह का प्रशिक्षण दिलाया जाएगा।

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