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सरकारी तिकड़मों में फंसे आपदा प्रबंधन के काम

कुमाऊं मंडल में आसमानी आफत के बाद पुनर्निर्माण कार्यो की रफ्तार बेहद धीमी है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 19 Sep 2018 10:39 PM (IST)Updated: Wed, 19 Sep 2018 11:54 PM (IST)
सरकारी तिकड़मों में फंसे आपदा प्रबंधन के काम
सरकारी तिकड़मों में फंसे आपदा प्रबंधन के काम

जासं, नैनीताल : कुमाऊं मंडल में आसमानी आफत के बाद पुनर्निर्माण कार्यो की रफ्तार बेहद धीमी है। सरकारी औपचारिकताओं व तिकड़मों की वजह से जिलाधिकारियों के पास आपदा प्रबंधन मद में उपलब्ध फंड की आधी से अधिक रकम डंप है। यही नहीं आपदा की दृष्टि से संवेदनशील गांवों के विस्थापन का मसला सालों से शासन में लटका है। इसमें नैनीताल का खूपी गांव भी है, जहां के आवासीय मकानों में दरार पड़ी हैं।

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दरअसल शासन की ओर से प्रत्येक जिले में आपदा प्रबंधन मद में जिलाधिकारी को पांच करोड़ का फंड मुहैया कराया गया है, इसमें 15 प्रतिशत रकम पुनर्निर्माण कार्यो के लिए तय है। जिलों से मिली पड़ताल से साफ है कि विभागीय परिसंपत्तियों के पुनर्निमाण के अभी प्रस्ताव तैयार हो रहे हैं। जबकि आपदा में निजी नुकसान का मुआवजा बांटा जा चुका है। मंडलायुक्त राजीव रौतेला ने सभी जिलाधिकारियों से आपदा में क्षतिग्रस्त सरकारी संपत्तियों के पुनर्निमाण कार्य में तेजी लाने के सख्त निर्देश दिए हैं। साथ ही जिलाधिकारियों से इसकी लगातार मॉनिटरिंग करने को भी कहा है। ऊधमसिंह नगर में मात्र 62.73 लाख खर्च

नैनीताल : ऊधमसिंह नगर जिले में स्वीकृत 225 लाख के सापेक्ष 17 लाख से अधिक अहेतुक सहायता प्रदान की गई। गृह अनुदान 20 लाख, अनुग्रह अनुदान 25 लाख बांटा गया। बारिश से क्षतिग्रस्त विभागीय क्षतिग्रस्त परिसंपत्तियों के लिए 275 लाख स्वीकृत है, मगर इसमें अब तक एक पाई भी खर्च नहीं हो सका है। अल्मोड़ा में करीब 89 लाख बची है रकम

आपदा में अल्मोड़ा जिले में व्यापक नुकसान इस साल हुआ है। एक व्यक्ति की मौत हुई जबकि दो घायल हुए। मृत 11 पशुओं में से दस पशुस्वामी को मुआवजा दिया गया। छह गौशाला ध्वस्त हुए। 189 भवन ध्वस्त हुए जिसमें से 163 भवन स्वामियों को मुआवजा दिया गया। करीब 68 लाख मुआवजा बांटा गया। अल्मोड़ा की तहसीलों को आवंटित एक करोड़ 70 लाख में से 81 लाख से अधिक खर्च हो चुका है मगर 88 लाख खर्च होना है। चम्पावत में 20 लाख बंटे

नैनीताल : मानसूनी बारिश से चंपावत जिले में व्यक्तिगत क्षति कम हुई है। जिला प्रशासन की ओर से मंडलायुक्त को भेजी रिपोर्ट में बताया गया है कि मुआवजे के तौर पर 20 लाख से अधिक रकम बांटी गई है। अतिवृष्टि में नदी उफनाने से दो लोग बहे जबकि दो आंधी तूफान व भूस्खलन में जख्मी हुए। नो पशु मरे तो 65 भवन क्षतिग्रस्त हुए। आपदा में नैनीताल में सात मरे

नैनीताल : इस साल की दैवीय आपदा में नैनीताल जिले में सात लोगों की मौत हुई है जबकि पांच घायल हुए हैं। मृतकों के परिजनों को 28 लाख व घायलों को 55 हजार एक सौ रकम बांटी गई है। पांच मकान पूर्ण जबकि 87 आंशिक क्षतिग्रस्त हुए हैं। 23 गौशाला को नुकसान हुआ। तहसीलों के माध्यम से 42 लाख से अधिक रकम बांटी गई है। परिसंपत्तियों के पुनर्निमाण का प्रस्ताव तैयार

डीएम विनोद कुमार सुमन ने बताया कि आपदा से क्षतिग्रस्त परिसंपत्तियों के पुनर्निर्माण के प्रस्ताव तैयार किए जा चुके हैं। बैठक में अनुमोदन के बाद उन्हें शासन को भेजा जाएगा। पांच करोड़ की रकम में से अधिकांश खर्च हो चुकी है। जो गाइडलाइन के हिसाब से खर्च की गई है। व्यक्तिगत नुकसान पर अहेतुक सहायता प्रदान की गई।


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