महिला दिवस विशेष : तलाक का मुकदमा खत्म कर फिर बसाया परिवार
जिला एवं सत्र न्यायाधीश नरेंद्र दत्त की कोर्ट के प्रयासों से तलाक समेत मारपीट घरेलू हिंसा के मुकदमा लड़ रहे पति-पत्नी के बीच सुलह हो गई। दोनों फिर से खुशहाल जिंदगी जीने को राजी हुए।
किशोर जोशी, नैनीताल। अंतरराष्टï्रीय महिला दिवस पर जिला एवं सत्र न्यायाधीश नरेंद्र दत्त की कोर्ट के प्रयासों से तलाक समेत मारपीट, घरेलू हिंसा के मुकदमा लड़ रहे पति-पत्नी के बीच सुलह हो गई। दोनों फिर से खुशहाल जिंदगी जीने को राजी हुए। कोर्ट के प्रयासों से अधिवक्ता भी फीस नहीं लेने को राजी हो गए।दरअसल भवाली के नगारीगांव निवासी यजेंद्र की 2015 में नैनीताल के तल्लीताल निवासी युवती से शादी हुई। उनका दो साल का बेटा भी है। शादी के चंद माह बाद दोनों के संबंधों में खटास आई तो आए दिन घर में कलेश होने लगा। पति-पत्नी के बीच मारपीट भी होने लगी तो 2016 में पत्नी ने पति के खिलाफ मारपीट समेत घरेलू ङ्क्षहसा, तलाक का मुकदमा दर्ज कर दिया।
पति की ओर से भी पत्नी के खिलाफ मारपीट व उत्पीडऩ के मुकदमे दर्ज किए गए। मुकदमों से तंग आकर दोनों ने जिला कोर्ट में सहमति से तलाक के लिए राजी हो गए। पति यजेंद्र भरण पोषण के रूप में साढ़े छह लाख देने को भी तैयार हो गया था। जिला एवं सत्र न्यायाधीश नरेंद्र दत्त ने गुरुवार के साथ ही शुक्रवार को दोनों को अपने कोर्ट में बुलाया। साथ ही दो साल के बच्चे के साथ ही खुशहाल जिंदगी के लिए मुकदमे वापस लेकर एक साथ रहने के लिए प्रेरित किया। दोनों की काउंसलिंग की गई। अंतत्वोगत्वा अदालत की पहल रंग लाई और दोनों मुकदमे खत्म कर फिर से हंसी-खुशी रहने को राजी हो गए। जिला जज की गंभीर पहल के बाद पति-पत्नी कोर्ट परिसर से बाहर निकले तो उनके चेहरे पर खुशी के भाव झलक रहे थे। अधिवक्ताओं को भी संतोष था कि एक बिछड़ा परिवार फिर से साथ रहने को राजी हो गया।
कोर्ट को मिली व्यापक सराहना
प्राइवेट जॉब करने वाले यजेंद्र को अदालत ने भवाली में कमरा होने के बारे में पूछा तो उसने तलाक पूरी होने का जिक्र किया। साथ ही कहा कि वह पत्नी और बच्चे को हमेशा खुश रखेगा। महिला दिवस पर एक परेशान महिला को फिर से अपनों से मिलाने के न्यायालय के प्रयासों की पूरे कोर्ट में चर्चा रही।
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