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दस बैंकों से 80 लाख हड़पकर भागी महिला बंगाल से गिरफ्तार, जानिए क्‍या है मामला NAINITAL NEWS

रेलवे स्टेशन मास्टर को गारंटर बनाकर 10 बैंकों से 80 लाख रुपये का ऋण लेकर फरार हुई महिला को पुलिस ने पश्चिम बंगाल से गिरफ्तार कर लिया है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Fri, 02 Aug 2019 09:34 AM (IST)Updated: Fri, 02 Aug 2019 09:34 AM (IST)
दस बैंकों से 80 लाख हड़पकर भागी महिला बंगाल से गिरफ्तार, जानिए क्‍या है मामला NAINITAL NEWS
दस बैंकों से 80 लाख हड़पकर भागी महिला बंगाल से गिरफ्तार, जानिए क्‍या है मामला NAINITAL NEWS

हल्द्वानी, जेएनएन : रेलवे स्टेशन मास्टर को गारंटर बनाकर 10 बैंकों से 80 लाख रुपये का ऋण लेकर फरार हुई महिला को पुलिस ने पश्चिम बंगाल से गिरफ्तार कर लिया है। हालांकि उसका पति व देवर पुलिस के हत्थे नहीं चढ़े। आरोपित दंपती ने धोखे से देवर की शादी स्टेशन मास्टर की भतीजी से कराकर दहेज के लिए प्रताडि़त किया था। महिला को एसीजेएम न्यायालय के आदेश पर जेल भेज दिया गया है। 

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पश्चिम बंगाल में रहने वाले मनीष नंदी ने अपने भाई अनुपम नंदी उर्फ असीम बनर्जी के साथ मिलकर भोटियापड़ाव चौकी के समीप वॉव कोलकाता नाम से रेस्टोरेंट खोला था। मनीष ने वैशाली कॉलोनी निकट बृजलाल हॉस्पिटल के पास आलीशान मकान किराये पर लिया। उसके साथ उसकी मां गौरी नंदी, पत्नी कजारी घोष व बहन रूपा बनर्जी भी रहते थे। एक ही राज्य के होने से उनकी नजदीकियां काठगोदाम स्टेशन मास्टर चयन रॉय से हो गई। डेढ़ साल पहले चयन रॉय ने अपनी भतीजी निवेदिता की शादी अनुपम नंदी से करा दी। स्टेशन मास्टर को विश्वास में लेकर मनीष व अनुपम ने अपने व परिवार के लोगों के नाम से 10 बैंकों से करीब 80 लाख रुपये का ऋण ले लिया और इन सभी बैंकों में गारंटर स्टेशन मास्टर को ही बनाया। इसके बाद वे निवेदिता को दहेज के लिए प्रताडि़त करने लगे। 16 मार्च को पांच माह की गर्भवती निवेदिता को मायके भेजकर मनीष व अनुपम परिवार समेत रातों-रात सामान लेकर शहर से फरार हो गए। वह वैशाली कॉलोनी में जिस मकान में रहते थे, उसका सवा लाख रुपये किराया भी हड़प गए। एक मई को निवेदिता ने काठगोदाम थाने में पति समेत जेठ, जेठानी, ननद व सास के विरुद्ध दहेज के लिए प्रताडि़त करने व धोखाधड़ी के आरोप में मुकदमा दर्ज कराया। आरोपितों के फोन की जांच में पता चला कि तीनों पश्चिम बंगाल के दमदम कोलकाता में हैं। इस पर काठगोदाम चौकी प्रभारी दान सिंह मेहता के नेतृत्व में टीम पश्चिम बंगाल रवाना हो गई। चौकी प्रभारी ने बताया कि 29 जुलाई को दमदम स्थित मायके से कजारी घोष को गिरफ्तार कर लिया गया। वहां की न्यायालय से ट्रांजिट रिमांड लेकर पुलिस कजारी को हल्द्वानी ले आई और गुरुवार को जेल भेज दिया। 

40 लाख रुपये लोगों से भी लिया था ऋण 

चौकी प्रभारी ने बताया कि मनीष व अनुपम ने शहर के कई कारोबारियों को भी झांसा देकर लाखों रुपये ब्याज पर उधार लिए थे। पुलिस जांच में 40 लाख रुपये लोगों से ब्याज में लेने की जानकारी मिली है। हालांकि लोग पुलिस को खुलकर बताने से बच रहे हैं। 

बंगाल पुलिस की मदद से न मिलने से फरार हुए आरोपित भाई

चौकी प्रभारी ने बताया कि दमदम में कजारी को गिरफ्तार करने पर पता चला कि मनीष व अनुपम करीब डेढ़ सौ किमी दूर एक गांव में छिपे हैं। इस पर उन्होंने बंगाल पुलिस से मदद मांगी। मदद नहीं मिलने पर वह खुद उस गांव में गए, लेकिन तब तक उन तक इसकी खबर पहुंच चुकी थी और दोनों गांव से भी फरार हो गए। जल्द पुलिस टीम अन्य आरोपितों को पकडऩे के लिए दोबारा पश्चिम बंगाल जाएगी।

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