Move to Jagran APP

नैनीताल जू में बाघों के बाड़े में लगाया ब्लोवर, भालू के लिए शहद की मात्रा बढ़ाई, रोज खा रहे मल्टीविटामिन

Wildlife diet changed in Nainital Zoo नैनीताल जू में हर साल दो बार वन्यजीवों का डाइट प्लान बदला जाता है। ठंड बढ़ने के साथ ही वन्यजवों को गर्म तासीर का आहार दिया जा रहा है। इसके साथ ही बाड़ों में पत्ते पिछाने के साथ उन्हें तिरपाल से ढंका गया है।

By naresh kumarEdited By: Skand ShuklaPublished: Tue, 29 Nov 2022 11:29 AM (IST)Updated: Tue, 29 Nov 2022 11:29 AM (IST)
नैनीताल जू में बाघों के बाड़े में लगाया ब्लोवर, भालू के लिए शहद की मात्रा बढ़ाई, रोज खा रहे मल्टीविटामिन
नैनीताल जू में वन्यजीवों को ठंड से बचाने के लिए बदला गया डाइट प्लान।

जागरण संवाददाता, नैनीताल : Wildlife diet changed in Nainital Zoo: देश के खूबसूरत हिल स्टेशन नैनीताल स्थित चिड़ियाघर (Nainital Zoo) के वन्यजीवों का डायट प्लान बढ़ते ठंड के कारण बदला गया है। मौसम की मार और बीमारियों से बचाने के लिए वन्यजीवों की गर्म मासीर का भोजन परोसा जा रहा है। वन्यजीवों की डाइट बढ़ाने के साथ मल्टीविटामिन भी दिया जा रही है।

loksabha election banner

नैनीताल स्थित गोविंद बल्लभ पंत उच्च स्थलीय प्राणी उद्यान 11 एकड़ भूमि पर स्थापित किया गया है। समुंद्रतल से 2100 मीटर की ऊंचाई पर स्थित इस जू को उत्तर भरत का एकमात्र हाई एल्टीट्यूट जू माना जाता है। जहां रोजाना सैकड़ों की संख्या में सैलानी पहुंचते हैं। यहां बाघ, तेंदुआ भालू, पांडा जैसे दर्जनों वन्यजीवों और पक्षियों को रखा गया है।

बाघ के बाड़े में लगाया गया ब्लोवर

नवंबर बीतने के साथ ठंड बढ़ती जा रही है। लिहाजा चिड़याघर के जीवों का विशेष ख्याल रखा जा रहा है। वन्यजीवों को बचाने के लिए फर्श पर हल्दू के पत्ते बिछाने के साथ ही बाड़ों को तिरपाल से ढका गया है। बाघ और अन्य जीवों के बाड़ों में ब्लोवर लगाकर ठंड दूर की जा रही है। एहतियात के तौर पर सभी जीवों को मल्टीविटामिन दिया जा रहा है।

वर्ष में दो बार भोजन में किया जाता है बदलाव

नैनीताल में ठंड बढ़ने लगी है। ऐसे में जू में मौजूद वन्य जीवों को हाईपोथर्मिया की शिकायत न हो इसके लिए जू प्रबंधन पूर्व से ही इंतजामों में जुट गया है। जू चिकित्सक डॉ. हिमांशु पांगती ने बताया कि वर्ष में दो बार जीवों के खानपान में बदलाव किया जाता है।

भालू को दिए जाने वाले शहद की मात्रा बढ़ाई

शीतकाल में जीवों के भोजन की मात्रा बढ़ाने के साथ ही गर्म तासीर का भोजन परोसा जा रहा है। पहले में बाघ को रोजाना आठ किलो मांस दिया जाता था, जो बढ़ाकर दस किलो कर दिया गया है। साथ ही रोजाना दो अंडे भी बाघ को परोसे जा रहे हैं। भालू को दिये जाने वाले शहद की मात्रा बढ़ाकर प्रतिदिन 100 ग्राम कर दी गई है।

जू से दो बाघ भेजे गए जामनगर

इसी साल नैनीताल जू से दो बाघों को गुजरात जामनगर भेजा गया है। किसी भी वन्यजीव को दान दिये जाने अथवा मंगाने के लिए सेंट्रल जू अथारिटी और चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन की अनुमति अनिवार्य होती है। इस प्रक्रिया में काफी वक्‍त लगता है। मगर यहां कुछ ही माह में फाइलों को दौड़ाकर दो बाघों शिखा और बेताल को नैनीताल से गुजरात भेज दिया गया।

कई वन्य जीवों ने पूरी की औसत आयु

1995 में पर्यटकों के लिए खुलने के बाद जू में लगातार प्राणियों की संख्या वृद्धि को लेकर कवायद होती रही। जिस कारण कुछ समय पूर्व तक यहां विभिन्न प्रजातियों के 231 वन्यजीव हुआ करते थे। मगर औसत आयु पूरी कर चुके कई जीवों की अब मौत हो चुकी है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.