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अब कौन भरेगा पिथौरागढ़ में प्रकाश पंत की जगह, न वैसा दिल किसी के पास न ही नीति

प्रदेश की सरकार में मुख्यमंत्री के बाद नंबर दो के नेता माने जाने वाले प्रकाश पंत के असमय दुनिया से चले जाने से पिथौरागढ़ भाजपा एक तरह से अनाथ हो चुकी है

By Skand ShuklaEdited By: Published: Fri, 07 Jun 2019 07:16 PM (IST)Updated: Sat, 08 Jun 2019 09:36 AM (IST)
अब कौन भरेगा पिथौरागढ़ में प्रकाश पंत की जगह, न वैसा दिल किसी के पास न ही नीति
अब कौन भरेगा पिथौरागढ़ में प्रकाश पंत की जगह, न वैसा दिल किसी के पास न ही नीति

पिथौरागढ़, जेएनएन : प्रदेश की सरकार में मुख्यमंत्री के बाद नंबर दो के नेता माने जाने वाले प्रकाश पंत के असमय दुनिया से चले जाने से पिथौरागढ़ भाजपा एक तरह से अनाथ हो चुकी है। अब तक पंत के नाम को लेकर मुखर रहने वाले कार्यकर्ता मायूस हैं। प्रकाश पंत के जाने के बाद अब उनके स्थान को कौन भरेगा इसे लेकर भी चर्चा शुरू हो गई है।

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दिवंगत नेता प्रकाश पंत भाजपा के स्तम्भ थे। कार्यकर्ताओं के सहारा थे। कार्यकर्ता ही नहीं पूरे मंडल भर के लोग उनके पास जाते थे। बताया जाता है कि उनके पास प्रतिदिन एक हजार से अधिक लोगों का जाना होता था । जिसमें देहरादून में रात्रि के प्रवास के अलावा खाने की व्यवस्था चाहने वाले भी होते थे। प्रकाश पंत ने कभी किसी को निराश नहीं किया। जो भी उनके पास पहुंचा या फिर फोन किया सभी के लिए व्यवस्था करते थे। भाजपा कार्यकर्ता तो बड़ी शान से पंत का नाम लेकर देहरादून जाते थे और उनका ही नाम लेकर काम करा कर लाते थे।

भाजपा कार्यकर्ता बताते हैं कि प्रकाश पंत कार्यकर्ताओं को विशेष तरजीह देते थे। कई कार्यकर्ता तो ऐसे थे जो उनके आवास पर ही ठहरते थे। उनकी सबसे बड़ी विशेषता यह रही कि क्षेत्र से जाने वाला जो भी उनके पास पहुंचता था उसके देहरादून में रहने की व्यवस्था कराते थे। इस मामले में वह हमेशा दलगत राजनीति से ऊपर थे। जिसके चलते उनकी राजनीतिक विचारधारा से मेल नहीं रखने वाले भी प्रकाश पंत को भला आदमी कहते थे। यही कारण है कि उनके दिवंगत होने की सूचना मिलते ही सभी ने राजनैतिक विचारधारा को छोड़ उनके निधन को जिले के लिए बहुत बड़ी क्षति बताई है।

दूसरी तरफ भाजपा अधर में लटक चुकी है। भाजपा में प्रकाश पंत का नाम प्रदेश में बड़ा था। पंत का यह नाम जिले के भाजपा कार्यकर्ताओं की ऊर्जा थी। पंत के जाने के बाद यह  ऊर्जा क्षीण हो चुकी है। भाजपा कार्यकर्ता कहते हैं कि विधायक तो कोई न कोई मिल जाएगा परंतु पंत जैसा कद अब कहां मिलेगा। कार्यकर्ताओं का कहना है कि प्रकाश पंत जिले में भाजपा की धुरी थे। धुरी ही नही रही तो कार्यकर्ताओं का मनोबल भी गिरेगा। 

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