बुआ-फूफा मजदूरी करने जाते थे तो भतीजा फेंकता था ट्रेन पर पत्थर, जानिए कहां का है मामला
नौ साल का बालक उजाला नगर में रहता है और उसके माता-पिता बाहर से आकर यहां मजदूरी करते हैं। रेलवे स्टेशन के समीप ही रहने के कारण बालक दिन भर इधर-उधर घूमता है। बच्चे ने स्वीकार किया कि वह कई बार ट्रेन पर पत्थर फेंक चुका है।
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : जन शताब्दी व अन्य ट्रेनों पर पत्थर फेंकने वाले दो बच्चों को रेलवे सुरक्षा बल ने चिन्हित किया है। जिन की काउंसिलिंग के बाद उनके अभिभावकों को चेतावनी दी गई है। अब ऐसे में देखना यह है कि रेलवे की यह कोशिश कितनी कामयाब होती है।
काठगोदाम से चलने वाली जनशताब्दी एक्सप्रेस मैं मौजूद सुरक्षा गार्डों ने ट्रेन पर पत्थरबाजी कर रहे बच्चों की शिकायत रेलवे से की है। जिसमें दो बार ट्रेन पर पत्थर फेंकने की शिकायत आरपीएफ ने दर्ज किया है। ऐसे में पत्थरबाजी की इन घटनाओं को रोकने के लिए आरपीएफ की ओर से आए दिन निरीक्षण व अभियान चलाया जा रहा है। जिसमें स्थानीय लोगों को जागरूक करने के साथ ही ट्रेन पर पत्थर फेंकने वाले लोगों को चिन्हित करने को कहा गया है। इसी बीच सूचना के आधार पर रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स ने दो बच्चों को पत्थर फेंकने के आरोप में चिन्हित किया है। रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स के सीनियर इंस्पेक्टर रंदीप कुमार ने बताया कि ट्रेन पर पत्थर फेंकने वाले बच्चे अभिभावकों की गैरमौजूदगी में ऐसा काम कर रहे थे।
रेलवे स्टेशन पर काउंसलिंग के दौरान बेरी पड़ाव निवासी बच्चे ने बताया कि वह अपनी बुआ और फूफा के घर रहता है। उसके बुआ और फूफा दिन में मजदूरी करने चले जाते हैं, ऐसे में वह टाइम पास करने के लिए दिन भर कई शरारते करता है। जिसमें उसने कई बार ट्रेन पर पत्थर भी फेंका है। आरपीएफ ने अभिभावकों को बुलाकर इस तरह की हरकत रोकने के लिए चेतावनी दी है और उनसे शपथ पत्र भी भरवाया है। इंस्पेक्टर रंदीप कुमार ने बताया कि दूसरे बच्चे को आंवला चौकी गेट के पास पत्थर फेंकते हुए चिन्हित किया गया।
नौ साल का बालक उजाला नगर में रहता है और उसके माता-पिता बाहर से आकर यहां मजदूरी करते हैं। रेलवे स्टेशन के समीप ही रहने के कारण बालक दिन भर इधर-उधर घूमता है। बच्चे ने स्वीकार किया कि वह कई बार ट्रेन पर पत्थर फेंक चुका है। इसके माता-पिता को भी आरपीएफ ने बुलाकर शपथ पत्र भरवाया है और बच्चे की काउंसलिंग की है। रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स की तरफ से लोगों को जागरूक करने व अन्य बच्चों को चिन्हित करने के लिए अभियान चलाया जा रहा है।