पेड़ की जड़ ने रोकी थी संगम विहार की पानी की सप्लाई, तीन दिन सुचारु हुई पानी की सप्लाई
कुसुमखेड़ा के संगम विहार में जलसंकट का कारण पेड़ की जड़ थी जिसे गुरुवार को निकालकर आपूर्ति शुरू कर दी गई है। इससे करीब 50 परिवारों ने राहत की सांस ली है।
हल्द्वानी, जेएनएन : कुसुमखेड़ा के संगम विहार में जलसंकट का कारण पेड़ की जड़ थी, जिसे गुरुवार को निकालकर आपूर्ति शुरू कर दी गई है। इससे करीब 50 परिवारों ने राहत की सांस ली है। तीन दिन की मशक्कत के बाद जलसंस्थान को पाइपलाइन में 12 फीट लंबी यह जड़ मिली।
संगम विहार के लोग लंबे समय से जलसंकट की शिकायत कर रहे थे। अधिशासी अभियंता विशाल कुमार ने बताया कि लोगों की शिकायत पर संगम विहार जाने वाली लाइन में पानी का प्रेशर बढ़ाया गया। इसके बावजूद जलसंकट बना रहा। आसपास के इलाकों में पर्याप्त पानी आने के बावजूद संगम विहार में जलसंकट का कारण जानने के लिए पाइपलाइन की जांच की गई। तीन दिन तक लगातार जांच के बाद गुरुवार को एक स्थान पर पाइप के भीतर जड़ मिली। करीब 12 फीट लंबी जड़ निकाल ली गई है। इसके साथ ही कॉलोनी की जलापूर्ति भी सुचारू हो गई है। कुछ दिनों पहले भगवानपुर गांव के एकता विहार की पाइपलाइन में भी जड़ मिला था, जो करीब 15 फीट लंबी थी। इसके चलते वहां भी जलापूर्ति बाधित हो रही थी।
ओम विहार के नलकूप से जलापूर्ति शुरू
ओम विहार में लगाए गए नलकूप से गुरुवार को जलापूर्ति शुरू कर दी गई है। इस नलकूप से डहरिया के करीब 400 परिवारों को फायदा मिलेगा। जलसंस्थान के अधिशासी अभियंता विशाल कुमार ने बताया कि जल निगम ने ओम विहार क्षेत्र में एक नलकूप बनाया है। इस नलकूप से ओम विहार समेत डहरिया की अन्य कालोनियों की पेयजल लाइनों को जोड़ा जाएगा। जिससे लाइनों में पानी का पे्रशर बढ़ेगा और लोगों की पेयजल समस्या दूर होगी। जल निगम की जांच में पानी के सेंपल सही पाए गए हैं। इसके बाद गुरुवार से नलकूप से जलापूर्ति शुरू कर दी गई है।
यह भी पढ़ें : धोखाधड़ी के मामले में वांछित पायलट बाबा का सरेंडर, सीजेएम कोर्ट ने खारिज की जमानत अर्जी