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बारिश न होने से घटने लगा पेयजल स्रोतों में पानी का स्तर, चंपावत में 50 फीसदी की गिरावट

तीन माह से बारिश न होने के कारण अब जल स्रोतों में पानी का स्तर भी घटने लगा है। जिले की 24 योजनाओं के जल स्तर में 50 फीसदी की गिरावट आ चुकी है। शीघ्र बारिश न होने पर 11 योजनाओं का पानी सूख सकता है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Sun, 22 Nov 2020 02:17 PM (IST)Updated: Sun, 22 Nov 2020 02:17 PM (IST)
बारिश न होने से घटने लगा पेयजल स्रोतों में पानी का स्तर, चंपावत में 50 फीसदी की गिरावट
बारिश न होने से घटने लगा पेयजल स्रोतों में पानी का स्तर, चंपावत में 50 फीसदी की गिरावट

चम्पावत, जेएनएन : तीन माह से बारिश न होने के कारण अब जल स्रोतों में पानी का स्तर भी घटने लगा है। जिले की 24 योजनाओं के जल स्तर में 50 फीसदी की गिरावट आ चुकी है। शीघ्र बारिश न होने पर 11 योजनाओं का पानी सूख सकता है। इधर मोडेक्स प्रणाली के तहत जिले के पर्वतीय क्षेत्रों में लगे अधिकांश हैंडपंपों से भी पानी कम निकल रहा है, जिसने पेयजल समस्या को और अधिक गंभीर बना दिया है।

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जिले में सितंबर माह से बारिश नहीं हुई है, जिसके कारण पेयजल स्रोतों के अस्तित्व पर संकट केबाद मंडरा गए हैं। चम्पावत की तीन, लोहाघाट की सात, पाटी की छह और बाराकोट विकास खंड की आठ पेयजल योजनाओं का पानी 50 फीसदी कम हो गया है। शीघ्र बारिश न होने पर चम्पावत की एक, लोहाघाट की छह, पाटी की तीन और बाराकोट की एक पेयजल योजना समेत कुल 11 योजनाओं का पानी पूरी तरह सूख सकता है।

बारिश न होने से भूगर्भीय जल स्तर में कमी होने से हैंडपंपों का पानी भी कम हो गया है। चम्पावत के मादली और खटकना पुल के पास लगे हैंडपंपों में पिछले एक पखवाड़े से पानी कम निकल रहा है वहीं मानेश्वर में लगे दो हैंडपंप सूख गए हैं। लोहाघाट विकास खंड के ग्राम पंचायत पऊ के अनुसूचित जाति बस्ती और गलचौड़ा के पास ही एक और हैंडपंप से पानी नहीं आ रहा है। बाराकोट विकास खंड के गल्लागांव बाजार में लगा हैंडपंप तो लंबे समय से शो पीस बना हुआ है।

जल संस्थान कार्यालय में 14 हैंड पंपों के पूरी तरह सूखने की रिपोर्ट दर्ज है। विभाग अब इन हैंडपंपों के पाइपों को गहराई में डालने की योजना बना रहा है। इसके अलावा ग्रामीण इलाकों में तकनीकि खराबी आने से दर्जनों हैंडपंप खराब पड़े हैं, जिनसे पानी नहीं आ रहा है। बारिश न होने के कारण सुईं लिफ्ट पेयजल योजना, बनस्वाड़ योजना, अर्जुन धारा योजना समेत कई पेयजल योजनाओं में पानी का स्तर कम होने से नलों में पर्याप्त आपूर्ति नहीं हो रही है, ऐसे में लोगों का सहारा बने हैंडपंपों के जबाब देने से पेयजल संकट और अधिक गहरा गया है।

जल संस्थान के ईई बिलाल यूनूस ने बताया कि तकनीकि रूप से खराब पड़े बनबसा में आर्मी कैंपस, टनकपुर के रेलवे कॉलोनी व पाटी विकास खंड के देवीधुरा क्षेत्र में खराब पड़े हैंडपंपों को ठीक कर दिया गया है। खराब पड़े अन्य हैंड पंपों को जल्द ठीक करवाने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि बारिश न होने से जिले की 24 पेयजल योजनाओं के स्रोतों का पानी आधा रह गया है। कई स्रोत सूखने के कगार पर हैं।


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