सड़क के साथ सड़क किनारे का रोजगार भी ठप, नहीं पहुंची सिलेंडर गाड़ी, चूल्हा जलाने को जंगल जाने की मजबूरी
Hairakhan Road Closed 15 नवबर के बाद से हैड़ाखान रोड बंद पड़ी है। सोमवार को पसौली और रौशिल के ग्रामीणाों से बात करने पर उन्होंने बताया कि सड़क बंद होने की वजह से समस्याओं का अंबार बढ़ता जा रहा है। काम धंधा सब ठप हो गया है।
गोविंद बिष्ट, हल्द्वानी : Hairakhan Road Closed : काठगोदाम से दो किमी आगे हैड़ाखान रोड बंद होने की वजह से पसौली और रौशिल में रोजगार पर भी ताला लग चुका है। एक-दो को छोड़ बाकी मैगी प्वाइंट और छोटे ढाबे बंद पड़े हैं। स्थानीय लोगों ने साफ कहा कि जब सड़क ही बंद है फिर हमारी दुकान पर कौन आएगा। वहीं, सिलिंडर की डिमांड अब तक पूरी नहीं हुई। ऐसे में महिलाओं को तीन किमी जंगल में जाकर लकडिय़ां बीननी पड़ रही है। यहां गुलदार समेत अन्य वन्यजीवों का खतरा अलग से है।
15 नवबर के बाद से हैड़ाखान रोड बंद पड़ी है। सोमवार को पसौली और रौशिल के ग्रामीणाों से बात करने पर उन्होंने बताया कि सड़क बंद होने की वजह से समस्याओं का अंबार बढ़ता जा रहा है। महंगाई की मार, बीमार व्यक्ति को अस्पताल ले जाने में दिक्कत, रोजगार पर संकट जैसी दिक्कतों से गुजरना पड़ रहा है। जंगल से लकड़ी लेकर आ रही महिलाओं ने कहा कि तेंदुए का डर उन्हें भी है। मगर सिलिंडर खाली पड़े हैं। ऐसे में लकड़ी के चूल्हे के अलावा दूसरा विकल्प भी नहीं बचा।
प्रशासन को हमारी परेशानी को समझते हुए भीमताल-खनस्यू होकर गैस आपूर्ति करनी चाहिए। डीजल-पेट्रोल को लेकर भी समस्या खड़ी हो चुकी है। सड़क के दूसरे छोर पर ग्रामीणों को आगे ले जाने के लिए टैक्सी वाहन तो खड़े हो रहे हैं। लेकिन वह तेल भराने के लिए काठगोदाम नहीं आ सकते। इसलिए परिवार या गांव का ही कोई व्यक्ति रोजाना खाली गैलन लेकर हल्द्वानी के पेट्रोल पंपों पर आता है।
ग्रामीणों ने बताई अपनी समस्या
लोगों के अलावा सरकार निर्माण कार्य भी ठप पड़े हैं। बंद सड़क की वजह से हर किसी का जीवन प्रभावित हो चुका है। - चंदन मेहता, वन सरपंच पनिया मेहता
हर रोज एक नई परेशानी से गुजर रहे हैं। लोगों का कारोबार बंद हो चुका है। बीमार व्यक्ति को लेकर हमेशा डर बना रहता है। - बालम संभल, निवासी ओखलढूंगा
भविष्य में दोबारा भूस्खलन होने पर संकट आ जाएगा। ऐसे में वनभूमि क्षेत्र से सड़क का एलाइमेंट जोडऩे पर विशेष फोकस रहे। - हरीश कार्की, उप प्रधान पसौली
सड़क बंद होने के बाद से दुकानदारी ठप है। दर्जनों गांव से जुड़ा मामला है। प्रशासन को और तेजी से काम करना चाहिए। - हिम्मत राणा, दुकानदार पसौली
रोजगार के लिए रोज हल्द्वानी जाने वालों का काम ठप है। पर्वतीय क्षेत्र में रोजगार पहले से कम है। इस दिशा में भी सोचा जाए। - कैलाश चंद्र सिरौलिया, निवासी रौशिल
बुजुर्ग व बीमारों को लेकर डर ज्यादा है। जंगल जाकर लकड़ी लाने में गुलदार और बाकी जानवरों का डर भी बना हुआ है। - हेमा महतोलिया, बीडीसी मेंबर रौशिल-पसौली
सड़क खुलने के बाद ही लोगों को राहत मिलेगी। यहां का बाजार हल्द्वानी है। वहां जाने के लिए तमाम परेशानी झेलनी पड़ रही है। - दीपा महतोलिया, बुजुर्ग महिला रौशिल
सिलिंडर की गाड़ी नहीं आने की वजह से जंगल से लकड़ी लानी पड़ रही है। बंद सड़क खुलने पर दिक्कतें दूर होगी। - संगीता देवी, निवासी पसौली
घर से तीन किमी दूर जाने के बाद थोड़ी-बहुत लकड़ी मिलती है। महिलाओं का पूरा दिन इसी काम में निकल जाता है। - नीमा देवी, निवासी पसौली
सीमेंट का किराया 200 रुपये कट्टा पड़ा, मकान का काम बंद
पनिया मेहता निवासी चंदन सिंह ने बताया कि उनके घर में निर्माण कार्य चल रहा था। काठगोदाम के रास्ते सीमेंट, सरिया लेकर आते थे। मगर सड़क बंद हो गई। भीमताल व खनस्यू होकर आने में छोटी गाड़ी वाले ने कहा कि 200 रुपये प्रति कट्टे के हिसाब से सीमेंट का किराया पड़ेगा। इसलिए बीच में ही काम बंद कर दिया।