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मोबाइल टावर व अन्‍य जरूरी सुविधाओं के लिए पूर्व सैनिकों के साथ ग्रामीण भूख हड़ताल पर बैठे

प्रशासन की अनदेखी से आजिज सीमांत तहसील मुनस्यारी के ग्रामीणों ने शिक्षक एएनएम और मोबाइल टावर जैसी समस्याओं को लेकर अन्न-जल का त्याग कर दिया है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Tue, 16 Jul 2019 09:57 AM (IST)Updated: Tue, 16 Jul 2019 09:57 AM (IST)
मोबाइल टावर व अन्‍य जरूरी सुविधाओं के लिए पूर्व सैनिकों के साथ ग्रामीण भूख हड़ताल पर बैठे
मोबाइल टावर व अन्‍य जरूरी सुविधाओं के लिए पूर्व सैनिकों के साथ ग्रामीण भूख हड़ताल पर बैठे

मुनस्यारी (पिथौरागढ़) जेएनएन : पिथौरागढ़ महाविद्यालय में शिक्षक एवं पुस्तकों के लिए छात्रों का आंदोलन अभी जारी है। वहीं प्रशासन की अनदेखी से आजिज सीमांत तहसील मुनस्यारी के ग्रामीणों ने शिक्षक, एएनएम और मोबाइल टावर जैसी समस्याओं को लेकर अन्न-जल का त्याग कर दिया है। फौज में रहकर देश सेवा करने वाले पूर्व सैनिक भी इस भूख हड़ताल का हिस्सा बनने को मजबूर हुए हैं। 

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मुनस्यारी विकासखंड के दूरस्थ गांव होकरा के ग्रामीण लंबे समय से गांव में मोबाइल टावर लगाने, राइंका होकरा में शिक्षकों के रिक्त पद भरे जाने, गांव को जोडऩे वाले मार्ग को सुधारने के साथ ही गांव में एएनएम की तैनाती की मांग उठा रहे हैं। ग्रामीणों ने इसके लिए प्रशासन को 14 जुलाई तक का अल्टीमेटम दिया था, लेकिन प्रशासन की ओर से ग्रामीणों से वार्ता के लिए कोई पहल नहीं हुई। इससे खिन्न ग्रामीण सोमवार को पंचायत घर में भूख हड़ताल पर बैठ गए। भूख हड़ताल पर बैठने वाले 14 ग्रामीणों में 80 वर्षीय पूर्व सैनिक प्रेम सिंह, सेवानिवृत्त हवलदार गंभीर सिंह, पूर्व सैनिक शेर सिंह मेहता, ग्राम प्रधान सुंदर सिंह मेहता, पूर्व प्रधान जसमल राम, मंदिर कमेटी के अध्यक्ष दान सिंह, सरपंच धन सिंह मेहता, गुमानी राम, बलवंत सिंह, प्रदीप सिंह, नेत्र सिंह, गोपाल सिंह शामिल हैं। अनशन में बैठे पूर्व सैनिकों ने कहा कि उन्होंने अपने जीवन का बड़ा हिस्सा देश सेवा के लिए दिया और अब वह गांव के विकास के लिए संघर्ष कर रहे हैं। निकटवर्ती गांव खोयम और गैला के ग्रामीणों ने भी अनशन स्थल पर पहुंचकर समर्थन में धरना दिया।

भाजपा नेता जगत सिंह मर्तोलिया ने कहा कि ग्रामीणों की समस्याओं को लेकर प्रशासन पूरी तरह उदासीन बना हुआ है। प्रशासन के सामने मांगें रखी गई थी, वार्ता के लिए 14 जुलाई तक  का समय भी दिया गया था, लेकिन प्रशासन ने इन मांगों को कोई तवज्जो नहीं दी। उन्होंने कहा कि अब ग्रामीण अपनी मांगें पूरी नहीं होने तक पीछे नहीं हटेंगे। सभा को पूर्व छात्रसंघ उपाध्यक्ष हीरा सिंह मेहता, दान सिंह, राजू मेहरा आदि ने संबोधित किया। 


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