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आपदा प्रभावित टांगा के ग्रामीणों ने सीएम को भेजा ज्ञापन, बाेले-ऐसी जगह विस्थापित करें जहां रोजगार कर सकें

पिथौरागढ़ में जुलाई की भयानक प्राकृतिक आपदा से पूरी तरह प्रभावित टांगा गांव के 75 परिवारों को सेरा में विस्थापित किया जाएगा।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Wed, 16 Sep 2020 05:35 PM (IST)Updated: Wed, 16 Sep 2020 05:35 PM (IST)
आपदा प्रभावित टांगा के ग्रामीणों ने सीएम को भेजा ज्ञापन, बाेले-ऐसी जगह विस्थापित करें जहां रोजगार कर सकें
आपदा प्रभावित टांगा के ग्रामीणों ने सीएम को भेजा ज्ञापन, बाेले-ऐसी जगह विस्थापित करें जहां रोजगार कर सकें

मुनस्यारी, जेएनएन : पिथौरागढ़ में जुलाई की भयानक प्राकृतिक आपदा से पूरी तरह प्रभावित टांगा गांव के 75 परिवारों को सेरा में विस्थापित किया जाएगा। प्रशासन और भू वैज्ञानिकों द्वारा भूमि का चयन कर लिया गया है। आपदा प्रभावितों ने चयनित भूमि को भूस्खलन वाला क्षेत्र बताते हुए मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर अन्यत्र विस्थापित करने की मांंग की है।

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पिथौरागढ जिले में जुलाई में भारी बारिश ने तबाही मचाई थी। 19 जुलाई की रात को गांव में हुए भारी भूस्खलन से तीन मकान मलबे में बह गए थे । 11 लोग मलबे में दब गए थे। जिसमें एसडीआरएफ, आइटीबीपी, पुलिस और राजस्व दल ने रेस्क्यू कर 10 शव निकाले और एक महिला का अभी तक पता नहीं चल सका है। गांव के 75 परिवार खतरे में आ गए हैं। गांव रहने योग्य नहीं रहा। सभी परिवारों को सेरा प्राथमिक विद्यालय और एक अन्य स्थल पर राहत शिविरों में रखा गया है। दूसरी तरफ प्रशासन प्रभावित परिवारों के विस्थापन के लिए भूमि चयन कर रहा था।

प्रभावित स्थल की भू वैज्ञानिक जांच के बाद सेरा में ही 75 परिवारों के विस्थापन के लिए भूमि का चयन कर लिया गया है। प्रशासन द्वारा चयनित भूमि को भूस्खलन वाला क्षेत्र बताते हुए ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री से अन्य सुरक्षित स्थल पर विस्थापन की मांग की है। आपदा प्रभावित ग्राम प्रधान सुनीता देवी, विक्रम सिंह बड़थ्याल, विरेंद्र सिंह, महेंद्र सेनरी, पार्वती देवी, केदार सिंह, दुर्गा सिंह, आनंद कोरंगा का कहना है कि प्रशासन द्वारा चयनित स्थल से तो टांगा गांव ठीक है।

ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा है। ग्रामीणों का कहना है कि विस्थापन के लिए चयनित स्थल सेरा पहले से ही भूस्खलन वाला क्षेत्र रहा है। जहां पर आज भी पहले हुए भूस्खलन के चलते बोल्डर और विशाल पत्थर पड़े हुए हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री से मांग की है कि उनका विस्थापन ऐसे स्थल पर किया जाए जहां ग्रामीण अपनी आजीविका के लिए कुछ रोजगार कर सकें।


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