Move to Jagran APP

डेढ़ वर्ष बीते लेकिन थुवा - लोहाली मार्ग बनने से प्रभावित ग्रामीणों को नहीं मिल सका मुआवजा

सड़क निर्माण को भारी भरकम बजट तो खर्च हो रहा है पर सड़क की जद में आने वाली किसानों की कृर्षि भूमि का मुआवजा ही नहीं बांटा जा रहा। मुआवजे की राह देखते देखते किसान थक चुके हैं। किसानों ने न्यायालय का दरवाजा खटखटाने का मन बना लिया है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Thu, 03 Dec 2020 10:16 AM (IST)Updated: Thu, 03 Dec 2020 10:16 AM (IST)
डेढ़ वर्ष बीते लेकिन थुवा - लोहाली मार्ग बनने से प्रभावित ग्रामीणों को नहीं मिल सका मुआवजा
डेढ़ वर्ष बीते लेकिन थुवा - लोहाली मार्ग बनने से प्रभावित ग्रामीणों को नहीं मिल सका मुआवजा

गरमपानी, जेएनएन : गांव में सड़क निर्माण को भारी भरकम बजट तो खर्च हो रहा है पर सड़क की जद में आने वाली किसानों की कृर्षि भूमि का मुआवजा ही नहीं बांटा जा रहा। मुआवजे की राह देखते देखते किसान थक चुके हैं। किसानों ने न्यायालय का दरवाजा खटखटाने का मन बना लिया है। बात हो रही है बेतालघाट ब्लॉक के थुवा - लोहाली मोटर मार्ग की। मोटर मार्ग निर्माण के दौरान धारी गांव के कई किसानों के आड़ू के बगीचे व कृषि भूमि जद में आ गई। विभागीय अधिकारियों ने सर्वे भी किया। उम्मीद थी की मुआवजा मिलेगा पर डेढ़ साल इंतजार के सिवा और कुछ भी ना मिला। किसानों का आरोप है कि आज तक मुआवजा नहीं बांटा जा सका है। संबंधित विभाग के अधिकारी बार-बार आश्वासन आश्वासन देते हैं पर मुआवजा नहीं मिल सका है।

loksabha election banner

काफी फल उत्पादक कास्तकारो को नुकसान उठाना पड़ा है। करोड़ों रुपये की लागत से मोटर मार्ग का तेरह किलोमीटर दायरे में निर्माण किया जा रहा है पर काश्तकारों का सुध लेवा कोई नहीं है। रोड निर्माण में कई काश्तकारों को काफी नुकसान हुआ है। स्थानीय काश्तकार पंकज भट्ट के अनुसार उनके करीब पचास आडू के पेड़ व कृषि भूमि तथा महेश भट्ट के करीब दस हजार कलमी आडू व 57 पूलम व फलदार आढू के पेड़ तथा गोपाल भट्ट के सौ से ज्यादा आढू के फलदार पेड़ समेत तमाम काश्तकारों के कई पेड़ रोड निर्माण की जद में आए पर उन्हें आज तक मुआवजा नहीं दिया जा सका है। विभागीय अधिकारी काश्तकारों को महज आश्वासन के सिवा कुछ नहीं दे रहे। किसानों ने अब आर-पार का ऐलान कर दिया है। दो टूक कहा है कि यदि जल्द मुआवजा वितरित नहीं हुआ तो न्यायालय की शरण ली जाएगी।

विभाग पर भ्रमित करने का भी आरोप

किसानों का आरोप है कि विभागीय अधिकारी जितने पेड़ व कृषि भूमि का नुकसान का दावा कर रहे हैं उससे कहीं ज्यादा अधिक पेड़ों को नुकसान हुआ है। स्थानीय काश्तकारों ने दोबारा उद्यान विभाग, संबधित विभाग व काश्तकारों की संयुक्त टीम का सर्वे किए जाने की भी मांग उठाई है। अवर अभियंता, पीएमजीएसवाई सुंदर रावत ने बताया कि उद्यान विभाग को पत्राचार किया है। फलदार पेड़ों की संख्या स्पष्ट होने पर मुआवजा वितरित किया जाएगा। उच्च अधिकारियों को भी मामले से अवगत कराया गया है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.