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विकास भगत और गौरव जोशी की जमानत मंजूर

जिला एवं सत्र न्यायाधीश सीपी बिजल्वाण की कोर्ट ने मंजूर की बेल।

By Edited By: Published: Mon, 13 Aug 2018 07:13 PM (IST)Updated: Thu, 16 Aug 2018 08:54 AM (IST)
विकास भगत और गौरव जोशी की जमानत मंजूर
विकास भगत और गौरव जोशी की जमानत मंजूर
जागरण संवाददाता, नैनीताल : जिला एवं सत्र न्यायाधीश सीपी बिजल्वाण की कोर्ट ने हल्द्वानी में अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम के उद्घाटन अवसर पर तत्कालीन सीएम हरीश रावत को काले झंडे दिखाने के मामले में जेल में बंद भाजयुमो प्रदेश उपाध्यक्ष विकास भगत व साथी गौरव जोशी की जमानत मंजूर कर ली। दोनों को हल्द्वानी कोर्ट से 30-30 हजार के निजी मुचलके में रिहा किया जाएगा। दरअसल 18 दिसंबर 2016 को हल्द्वानी के गौलापार में अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम का उद्घाटन करने तत्कालीन सीएम हरीश रावत आए थे। इस दौरान भाजयुमो प्रदेश उपाध्यक्ष विकास भगत, गौरव जोशी व तीन अन्य द्वारा काले झंडे दिखाए गए तो पुलिस ने काठगोदाम थाने में 147 व 153 के तहत केस दर्ज किया। न्यायालय से गैर जमानती वारंट जारी होने के बाद भी वह कोर्ट में पेश नहीं हुए तो आठ अगस्त को हल्द्वानी एसीजेएम कोर्ट से विकास व गौरव ने सरेंडर कर दिया। जिसके बाद जमानत अर्जी खारिज होने के बाद उन्हें जेल भेज दिया गया। सोमवार को जिला जज सीपी बिजल्वाण की कोर्ट में जमानत अर्जी पर सुनवाई हुई। बचाव पक्ष की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता बहादुर पाल ने कहा कि जब मुख्यमंत्री दौरे पर आते हैं तो डीआइजी समेत आला अफसर तैनात रहते हैं। आरोपितों का किसी तरह का आपराधिक इतिहास भी नहीं है। अभियोजन व बचाव पक्ष की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने जमानत अर्जी मंजूर कर ली। पारिवारिक पृष्ठभूमि व छात्र राजनीति से चर्चा में आए हल्द्वानी : भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष विकास भगत छात्र राजनीति से चर्चा में आए। पूर्व मंत्री व कालाढूंगी विधायक बंशीधर भगत के बेटे विकास भगत ने पुलिस के सख्त पहरे के बावजूद विरोध जताया। तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत को काले झंडे दिखाए। पुलिस ने पकड़ा और मुकदमा दर्ज कर दिया। इसके अलावा उन्होंने कशिश कांड में दोषियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर आंदोलन किया था। तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत के वाहन के शीशे टूट गए थे। तब भी गिरफ्तार होना पड़ा था। इस मामले में वह बरी हो गए थे। तब वह युवा मोर्चा मे जिलाध्यक्ष पद की कमान संभाल रहे थे। उनके साथ जेल जाने वालों में गौरव जोशी हैं, जो जिला उपाध्यक्ष रहे। इसके अलावा नीरज बिष्ट, प्रकाश रावत, प्रमोद बोरा आदि युवा भी उनके साथ थे।

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