जागरण संवाददाता, बागेश्वर: mass hysteria in bageshwar school राजकीय जूनियर हाईस्कूल रैखोली में दो दिन से छात्राएं बदहवास हो रही हैं। स्कूल के मैदान से लेकर कक्षाओं में अलग-अलग समय में अचानक से चिल्ला कर इधर उधर गिर रही है। बदहवाशी में तेज आवाज में कुछ कह भी रही हैं।
बागेश्वर के रैखोली हाईस्कूल में छात्राओं के बदहवासी में चीखने के वायरल वीडियो का स्वास्थ्य विभाग व शिक्षा अधिकारियों ने संज्ञान लिया। उन्हें दवा देकर दो दिन की छुट्टी दी गई, अब सब सामान्य है। डाक्टरों के अनुसार मास हिस्टीरिया के लक्षण थे।
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— Prashant Mishra (@prmneha) August 2, 2022
इस दौरान झाड़फूंक की भी कोशिश की गई। शिक्षकों ने इसकी जानकारी उच्च अधिकारियों को दे दी थी। इसके बाद डीएम ने मामले का संज्ञान लिया और स्कूल में स्वास्थ्य विभाग की टीम भेजी।
यह है प्रकरण
रैखोली निवासी बी सिंह ने बताया कि राजकीय जूनियर हाईस्कूल रैखोली में 25 जुलाई के आसपास से छात्राएं अजीबो-गरीज हरकतें कर रही हैं। अलग-अलग स्थान पर बैठकर चीख रही हैं और अपने बालों को खोलकर कांप रही हैं तथा झूम रही हैं।
इससे शिक्षक से लेकर अभिभावक तक परेशान हैं। बुधवार को जैसे ही कक्षाएं शुरू हुई। एक-एक करके करीब 15 लड़कियां चीखने और चिल्लाने लगीं।
स्कूल भेजी गई स्वास्थ्य विभाग की टीम
मामला वायरल होने के बाद डीएम रीना जोशी ने एसडीएम हरगिरी को स्कूल में तत्काल स्वास्थ्य विभाग व मनोचिकित्सकों की टीम भेजने का आदेश दिया। इसके बाद एसडीएम, सीईओ गजेंद्र सोन डाक्टरों की टीम के साथ स्कूल पहुंचे। डॉ हरीश पोखरिया ने बच्चों की जांच की।
दवा बांटकर दी दो दिन की छुट्टी
प्रशासन के निर्देश पर स्कूल में स्वास्थ्य विभाग ने कैंप लगाकर किशोरियों को आयरन, कैल्शियम व मल्टीविटामिन की गोली बांटी। मनोचिकित्सा कर्मी संदीप कुमार ने उनकी काउंसिलिंग भी की। इसके बाद पीड़ित बच्चियों को आराम करने के लिए दो दिन की छुट्टी भी दी गई है। इसके बाद से उन्हें आराम है। अब कोई समस्या नहीं है।
मास हिस्टीरिया के लक्षण
डाक्टर पोखरिया व मनोचिकित्सा कर्मी संदीप का कहना है कि काउंसिलिंग में सामने आया कि एक बच्ची के गांव में एक बुजुर्ग महिला की मौत फांसी लगाने से हो गई थी, जिसे उसने स्कूल आते वक्त देख लिया था। इससे वह डर गई साथ ही यह बात दोस्तों को शेयर भी किया।
संभवत: यह डर मास हिस्टीरिया का रूप ले लिया हो। मास हिस्टीरिया जम्हाई के जैसे होता है। एक को होने के बाद बॉडी अपने आप रियक्ट करना शुरू कर देती है।
एसडीएम हरिगिरी के आदेश पर स्वास्थ्य विभाग की टीम तीन दिनों तक स्कूल में रही। अन्य बच्चियों के व्यवहार का परीक्षण किया, जिसमें सब सामान्य मिला।
पहली बार नहीं हुआ ऐसा
बागेश्वर के मुख्य शिक्षा अधिकारी गजेंद्र सौन ने बताया कि सोमवार को सब सामान्य रहा। वह कहते हैं कि ऐसा पहली बार नहीं हुआ है। पहले भी चमोली, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़ समेत कई जगह ऐसी घटनाएं सामने आई हैं। यह सब तीन-चार दिन से ज्यादा नहीं चलता। हालात फिर सामान्य हो जाते हैं।