Uttarakhand Lockdown Day 6 : कैंसर पीड़ित को ऋषिकेश अस्पताल पहुंचाने में मददगार बना विहिप
खटीमा लॉकडाउन के कारण कैंसर पीड़ित पति के इलाज के लिए मीना पिछले सात दिनों से परेशान थी। उस पर एक-एक दिन भारी गुजर रहा था।
खटीमा, जेएनएन : खटीमा लॉकडाउन के कारण कैंसर पीड़ित पति के इलाज के लिए मीना पिछले सात दिनों से परेशान थी। उस पर एक-एक दिन भारी गुजर रहा था। क्योंकि बसें चल नहीं रही हैं और निजी वाहन से ले जाने में असमर्थ थी। ऐसे में पति के इलाज कराने की उम्मीद टूटती जा रही थी। इसी बीच विश्व हिंदू परिषद के लोग उसके लिए उम्मीद की किरण बन गए। उन्होंने पीड़ित को ऋषिकेश अस्पताल तक पहुंचाने के लिए वाहन की व्यवस्था कराई।
खटीमा के पकड़िया गांव निवासी राजेश कुमार हुनर से कारीगर हैं। लेकिन कैंसर जैसे बीमारी ने उन्हें तोड़कर रख दिया है। अब परिवार की जिम्मेदारी उनकी पत्नी मीना के कंधों पर आ गई। खुद मेहनत मजदूरी कर मीना परिवार की देखभाल भी करती हैं और पति का इलाज भी करा रही हैं। ऋषिकेश एम्स से पति का इलाज चल रहा है। 24 मार्च को कीमोथेरेपी के लिए डाक्टर ने बुलाया था। अचानक हुए लॉकडाउन ने उसके सामने ऐसी मुश्किल चुनौती आ गई जिससे वह बेबस हो गई। चौबीस से तीस तारीख आ गई। मीना सोमवार को प्रशासन के पास पहुंची। जहां उन्होंने मदद की गुहार लगाई। इसकी खबर विहिप के रंदीप पोखरिया को लगी। जिसके बाद आरएसएस के जिला सह कार्यवाहक हनुमान बिष्ट की टीम ने मदद के लिए पहल की। कुछ ही देर में मीना को जो मदद चाहिए थी वह पूरी हो गई। रंदीप पोखरिया ने प्रशासन से वाहन ले जाने की अनुमति दिलाई जिसके बाद वाहन से उन्हें ऋषिकेश अस्पताल इलाज को भिजवाया गया। मीना व उसके पति ने विहिप से जुड़े लोगों को हाथ जोड़कर उनका आभार व्यक्त किया।
मुश्किल घडी में मदद को आगे आ रहे लोग
कोरोना वायरस के खौफ ने पूरी दुनिया को ठप कर दिया है। इसके असर से कोई भी अछूता नहीं। शासन-प्रशासन के लोग चाहकर भी बहुत कुछ नहीं कर पा रहे हैं। क्योंकि यह ऐसा वक्त है जिसमें हर दूसरे-तीसरे व्यक्ति को मदद की दरकार है। ऐसे में आम लोगों की थोडी सी पहल जरूरतमंदों के लिए बडी राहत बन जा रही है। कायदे कानूनों का ध्यान रखते हुए बडी तादाद में लोग सामने भी आ रहे हैं। काेई वाहन में खाना पैक कर गरीबों को खिलाने के लिए निकल पड रहा है, तो कहीं पर ट्रैक्टर-ट्रॉली निकाल कर पैदल जा रहे लोगों को कुछ दूर तक छोड दिया जा रहा है।
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